
एंटनी ब्लिंकेन।
वॉशिंगटन। अमरीका की बाइडन सरकार में विदेश मंत्री के तौर पर एंटनी ब्लिंकेन की नियुक्ति ने अंतराष्ट्रीय रिश्तों की नई रूपरेखा तैयार की है। खासकर भारत को लेकर उनका रुख पाकिस्तान के लिए परेशानी करने वाला हो सकता है।
ब्लिंकेन न सिर्फ आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है बल्कि भारत के साथ इस दिशा में अहम सहयोग पर जोर दिया है। पाकिस्तान के लिए अब FATF (फाइनेशियल ऐक्शन टास्क फोर्स) की ग्रे लिस्ट से निकलना कठिन होगा। ब्लिंकेन न सिर्फ आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है बल्कि भारत के साथ इस दिशा में अहम सहयोग पर जोर दिया है।
आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ा रुख
ब्लिंकेन सीमापार से होने वाले आतंकवाद को लेकर हमेशा से सख्त रुख अपनाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के रक्षा तंत्र के साथ काम करके उसे मजबूत बनाने की कोशिश की जाएगी। आतंकवाद से लड़ने के लिए उसकी क्षमताओं को बढ़ाया जाएगा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान FATF (फाइनेशियल ऐक्शन टास्क फोर्स) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में उसके लिए दूसरे देशों का सहयोग और नरम रवैया बेहद अहम होगा। अगर वे ग्रे लिस्ट से बाहर आने में नाकामयाब होता है तो उसकी पहले से अर्थव्यवस्था और चरमरा सकती है।
बातचीत की कर चुके हैं वकालत
ब्लिंकेन इस्लामाबाद में अफगानिस्तान में आयोजित कॉन्क्लेव में शामिल थे। इसमें भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाकिस्तानी समकक्ष सरताज अजीज ने वार्ता का ऐलान किया था। हालांकि, इसके बाद पाकिस्तान के आतंकी हमले के कारण बातचीत कभी ठोस रूप नहीं ले सकी।
चीन है चुनौती
चीन की आक्रामक नीति को लेकर ब्लिंकन का कहना है कि भारत और अमरीका के बीच एक आम चुनौती चीन है। वह भारत के खिलाफ आर्थिक रूप से आक्रामक है। और अपने आर्थिक प्रभुत्व के इस्तेमाल से दूसरों पर दबाव बनाता है।
Updated on:
25 Nov 2020 03:47 pm
Published on:
25 Nov 2020 03:43 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
