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जानिए आसुमल हरपलानी से आसाराम बनने की दिलचस्प कहानी

अहमदाबाद में बसे आसाराम का परिवार मूलरूप से पाकिस्तान के सिंध में जाम नवाज अली तहसील के निवासी थे।

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Asaram baapu

नई दिल्ली। आसाराम बापू पिछले पांच सालों रेप के चार्ज के साथ जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। उनके केस में सुनवाई पूरी हो चुकी है और उनपर 17 अप्रैल को फैसला सुनाया जाना है। पहले इस केस में फैसला 25 अप्रैल को आना था लेकिन राजस्थान पुलिस ने राज्य के लॉ एंड आर्डर का हवाला देते हुए, हाईकोर्ट से 25 अप्रैल की जगह 17 अप्रैल सुनाने की अपील की। रेप जैसे जघन्य अपराध के चार्ज लगने के बावजूद सोशल मीडिया पर इनके कई समर्थक उनपर लगे आरोपों को झूठा बताते हैं। ऐसे में आगा फैसला आसाराम के पक्ष में नहीं आता तो ऐसे में शहर में तनाव की स्थिति फैलने का खतरा बना हुआ है। फैसले से पहले जानते हैं कैसे बापू बने थे आसाराम...

बंटवारे के बाद पाक्सितान से अहमदाबाद आया था आसाराम का परिवार
अहमदाबाद में बसे आसाराम का परिवार मूलरूप से पाकिस्तान के सिंध में जाम नवाज अली तहसील के निवासी थे। आसाराम का असली नाम असुमल थाउमल हरपलानी था। जब भारत-पाक का बंटवारा हुआ उसके बाद उनका परिवार अहमदाबाद आकर बसा। उस वक्त आसाराम के पिता लकड़ी और कोयले का व्यापर करते थे।

लकड़ी और कोयले का कारोबार भी किया
आसाराम बापू के जीवन पर आधारित एक किताब 'संत आसाराम बापूजी की जीवन झांकी' में दर्ज जानकारी के अनुसार आसाराम को अपने पिता की मौत के बाद घर संभालना था, जिसके चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई आधे में छोड़ दी। उनकी ऑटोबायोग्राफी के अनुसार उन्होंने बस तीसरी क्लास तक ही पढ़ाई की थी। घर चलाने के लिए इन्होंने भी कुछ दिन तक लकड़ी और कोयले का काम संभाला, लेकिन इस काम में मन न लगने के कारण जल्दी ही उन्होंने वो भी छोड़ दिया।

शादी से पहले छोड़ा घर, ली दीक्षा
15 साल की उम्र में इन्होंने अपना घर छोड़ दिया था और भारुच के एक आश्रम में चले गए। जहां उन्होंने लीलाशाह नाम के एक स्पिरिचुअल गुरु से दीक्षा ली। इसके बाद ही उनका नाम आसाराम बापू पड़ा। बताया जाता है कि उस वक्त उनकी शादी लक्ष्मी देवी से होने वाली थी, जिसके सिर्फ 8 दिन पहले ये घर से भाग गए। हालांकि इसके बाद भी उन्होंने शादी की थी।

वीवीआईपी भक्तों की भी लगती थी भीड़
उनके संत बनने के बाद उनके लाखों अनुयायी बने। इस संख्या में सिर्फ आम जनता ही नहीं बल्कि वीवीआईपी भी शामिल रहे। इनमे उमा भारती और छत्तीसगढ़ के रमन सिंह जैसे बड़े नेताओं का नाम शामिल है। इसके अलावा अशोक गहलोत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनको मानते है।

करोड़ो में हैं आसाराम की संपत्ति
आसाराम के पास अनगिनत भक्तों की तरह ही अथाह संपत्ति भी है। साल 2016 के जून में आयकर विभाग ने करीब 2300 करोड़ रुपये से अधिक अघोषित संपत्ति के बारे में खुलासा किया था। रिपोर्ट के अनुसार उनके करीब 400 ट्रस्ट हैं, जिनकी मदद से ये पूरे साम्राज्य पर नजर रखते थे। बाद में आसाराम की पॉपुलैरिटी जैसे-जैसे बढ़ती गयी उनका भण्डार भी उतनी ही तेजी से बढ़ता गया।

इस केस की वजह से पांच साल से जेल में हैं
आसाराम पर उनकी ही आश्रम की एक लड़की ने उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पीड़िता उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली 16 वर्षीय लड़की थी। उसके मुताबिक आसाराम ने जोधपुर के मनई गांव स्थित आश्रम में उसके साथ दुर्व्यवहार किया था। इस मामले में आसाराम 2013 अगस्त से जेल में हैं।