scriptAssam: तेल के कुएं की आग की चपेट में कई गांव, कई हफ्ते लगेंगे बुझाने में | Assam Oil well fire catches many villages, dousing it will take about 4 weeks | Patrika News

Assam: तेल के कुएं की आग की चपेट में कई गांव, कई हफ्ते लगेंगे बुझाने में

locationनई दिल्लीPublished: Jun 10, 2020 10:21:12 am

असम ( Assam ) के तिनसुकिया ( Tinsukia ) में तेल के कुएं ( Oil Well Fire ) में आग।
असम के वन मंत्री परिमल सुखाबैद्य ( Parimal Suklabaidya ) के मुताबिक नजदीकी गांवों के 6 लोग घायल।
बीते दो सप्ताह से तेल के कुएं ( Gas well fire ) से गैस हो रही थी लीक।

Assam Oil Well Fire

Assam Oil Well Fire

दिसपुर। असम ( Assam ) के तिनसुकिया ( Tinsukia ) जिले के बागजान में दिन में ऑयल इंडिया लिमिटेड ( OIL India Limited ) के तेल के कुएं में लगी आग ने कई गांवों को चपेट में ले लिया है। आग के चलते आसपास के गांवों के करीब छह लोग घायल हुए हैं। असम ( Assam ) के पर्यावरण एवं वन मंत्री परिमल सुखाबैद्य ( Parimal Suklabaidya ) ने के मुताबिक सरकार आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश में जुटी हुई है। जबकि OIL ने कहा कि इस आग को काबू करने में कम से कम चार और सप्ताह लग सकते हैं।
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असम ( Assam ) के पर्यावरण एवं वन मंत्री परिमल सुखाबैद्य ( Parimal Suklabaidya ) ने बताया कि सरकार आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश कर रही है। हालांकि आग अब तेजी से गांवों में फैलती जा रही है। इससे गांवों के करीब 6 लोग घायल हो गए हैं।
वहीं, OIL ने एक बयान जारी कर कहा, “विशेषज्ञ टीम के साथ आपातकालीन बैठकें चल रही हैं। उन्होंने बताया है कि यह काम करने के लिए एक सुरक्षित वातावरण है और विश्वास है कि स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है और कुएं को सुरक्षित ढंग से ढका जा सकता है।”
https://twitter.com/ANI/status/1270486619129167872?ref_src=twsrc%5Etfw
बयान में आगे लिखा गया, “इन हालात में मात्रा में पानी की व्यवस्था, बेहद तेजी से पानी फेकने वाले पंपों को लगाने के सात ही मलबे को हटाने की जरूरत पड़ती है। विशेषज्ञों के अनुसार सभी चीजें सुव्यवस्थित होने में लगभग चार सप्ताह लगेंगे। इस समय सीमा को यथासंभव कम करने का प्रयास किया जाएगा।”
इस बीच असम ( Assam ) के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ( Sarbananda Sonowal ) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी इस मामले पर चर्चा की है। केंद्र सरकार ने सोनोवाल को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। सोनोवाल ने उद्योग मंत्री चंद्र मोहन पटोवेरी को घटनास्थल पर पहुंचने और स्थिति का जायजा लेने का निर्देश दिया। उन्होंने आग बुझाने के लिए वायुसेना के विमानों के इस्तेमाल का भी सुझाव दिया।
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मीडिया से बातचीत में सोनोवाल ने कहा, “स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। पुलिस, सैन्य, अर्ध-सैन्य बल और एनडीआरएफ मौके पर मौजूद हैं।” उन्होंने कहा, “मैंने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को घटना से अवगत कराया और उनसे आग और विस्फोट को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा है। भारतीय वायु सेना ( IAF ) (आईएएफ) भी आग पर काबू पाने में भूमिका निभा सकती है और मैंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इसके बारे में पूछा है।”
https://twitter.com/sarbanandsonwal/status/1270305751127298049?ref_src=twsrc%5Etfw
सोनोवाल ने संबंधित इलाके और तिनसुकिया ( Tinsukia ) शहर के निवासियों से कहा है कि घबराएं नहीं और राज्य सरकार ने सभी मदद का आश्वासन दिया है। डिब्रू साइकखोवा नेशनल पार्क ( Dibru Saikhowa National Park ) और मागुरी मोट्टापंग वेटलैंड के नजदीक स्थित घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर कुएं से धुआं निकलता देखा जा सकता है।
OIL के वरिष्ठ प्रबंधक ( कॉरपोरेट कम्यूनिकेशंस ) जयंत बोरमुदोई ने कहा, “यहां पर दोपहर 1:40 बजे आग लग गई। हादसे का कारण अभी तक पता नहीं चला है। तेल और प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी) के मामूली रूप से घायल एक फायरमैन के अलावा कोई और घायल नहीं हुआ।”
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उन्होंने कहा, “जब आग लगी तो साइट पर विशेषज्ञ मौजूद नहीं थे। वे दुलियाजान में OIL दफ्तर में बैठक में मौजूद थे। इस क्षेत्र के निवासियों के लिए फिलहाल कोई खतरा नहीं है। इन्हें पहले से ही कुएं से 1.5 किमी के दायरे से दूर स्थानांतरित कर दिया गया है।” इस विस्फोट के बाद कुएं के पास रहने वाले लगभग 2,000 लोगों को चार राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया था।
इस बीच, स्थानीय निवासियों ने दो सप्ताह तक आपदा को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए ओआईएल को दोषी ठहराते हुए साइट के नजदीक विरोध शुरू कर दिया है। OIL ने राज्य सरकार से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कहा है ताकि विशेषज्ञ और अधिकारी आग और विस्फोट को नियंत्रित करने के लिए साइट पर पहुंच सकें।
बागजान स्थित तेल के कुएं में बीते 27 मई को उस वक्त आग लग गई थी, जब 3,729 मीटर की गहराई पर एक नए तेल और गैस जलाशय से गैस बनाने का काम चल रहा था।
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