
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को देश के बहुप्रतिक्षित अयोध्या केस में अपना फैसला सुना दिया है। मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने अयोध्या विवाद में फैसला सुनाते हुए कहा कि विवादित जमीन रामलला विराजमान को दी गई। इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी अयोध्या में वैकल्पिक 5 एकड़ जमीन देने का फैसला दिया।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मुस्लिम पक्ष ने विरोधाभासी बताया है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रेस कांफ्रेंस कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत बताया। बोर्ड ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में पुनर्विचार की मांग करेंगे। मुस्लिम पक्ष की ओर से उसके वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इसमें पुनर्विचार की मांग की जाएगी।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि अयोध्या में भगवान राम के जन्म के दावे का किसी ने विरोध नहीं किया। हिंदू मुख्य गुंबद को ही जन्म का सही स्थान मानते हैं और विवादित स्थल पर ही पूजा करते रहे हैं। कोर्ट ने अपने फैसले में मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक जमीन दिए जाने का आदेश दिया है।
Updated on:
09 Nov 2019 12:35 pm
Published on:
09 Nov 2019 12:15 pm
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