
राम मंदिर मामले पर 26 फरवरी को होगी सुनवाई
नई दिल्ली। अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद शीर्षक विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जल्द ही फैसला सुनाया जा सकता है। इससे पहले बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से अलर्ट पर रहने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट आगामी 17 नवंबर को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई के सेवानिवृत्त होने से पहले दशकों से विवाद का केंद्र बने इस मामले का फैसला सुना सकता है।
वहीं, संवेदशनशील इलाकों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय ने अयोध्या और विशेषरूप से उत्तर प्रदेश के लिए पैरामिलिट्री फोर्स के करीब 4,000 जवान भेज दिए हैं। इस संबंध में गृह मंत्रालय के एक अधिकारी द्वारा बताया गया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट पर रहने की एडवायजरी भेज दी गई है।
उन्होंने आगे कहा कि सभी राज्यों से कहा गया है कि वो सभी संवेदशनशील इलाकों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात करें और यह सुनिश्चित करें कि देश में कहीं पर भी कोई अप्रत्याशित घटना न होने पाए।
गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए पैरामिलिट्री फोर्सेज की 40 कंपनियां भेजी गई हैं। पैरामिलिट्री फोर्स की एक कंपनी 100 जवानों की होती है।
गौरतलब है कि हिंदू और मुसलमान पक्ष के बीच काफी लंबे वक्त से कानूनी लड़ाई चल रही है, जिसमें हिंदू पक्ष का दावा है कि विवादित जमीन वास्तव में भगवान राम का जन्म स्थान है और यहां पर सन 1528 में मुगल शासक बाबर के कमांडर मीर बाकी ने एक मस्जिद बना दी थी।
Updated on:
08 Nov 2019 07:54 am
Published on:
07 Nov 2019 06:14 pm
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