
भारतीय सैन्य और नागरिक ठिकानों पर पकड़ बनाने की ड्रैगन की योजना को CPP का समर्थन हासिल है।
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में जारी विवाद के बीच केंद्र सरकार ( Central Government ) द्वारा चीन के ऐप पर प्रतिबंध ( Ban on Chinese App ) एक छोटा कदम भले लगता हो लेकिन इसका असर दूरगामी होगा। ऐसा इसलिए कि ऐप पर बैन लगाकर भारत ने चीन से न केवल सख्त नाराजगी जताई है बल्कि इस फैसले से ड्रैगन ने जिस सैन्य और सियासी साजिश (Military and political conspiracy ) रची अब उसको लेकर पूरी दुनिया सतर्क हो जाएगी।
केंद्र सरकार के इस सख्त रुख से भारत के खिलाफ चीन के लिए अपने मिशन ( Chinese Mission ) को हासिल करना अब नामुमकिन जैसा होने वाला है। ऐसा इसलिए भारत सरकार ( Indian Govrnment ) ने ऐप पर प्रतिबंध लगाकर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ( China Communist Party ) समर्थित ड्रैगन की योजना को झटका दिया है। भारत की यह चाल चीन की सरकार के साथ वहां की कम्युनिस्ट पार्टी की भारत विरोधी नीति पर भी चोट है।
ऐसा कर चीनी कंपनियों की भारत में एकपक्षीय पकड़ को रोकने में मदद मिलेगी बल्कि आधारभूत ढांचों, तकनीकी अपग्रेडेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से CPP की नीतियों पर अमल करने की योजना को झटका लगेगा। बता दें कि भारतीय सैन्य और नागरिक ठिकानों पर पकड़ बनाने की इस योजना को वहां की कम्युनिस्ट पार्टी समर्थन हासिल है।
टिकटोक ( TikTok ) और यूसी ब्राउजर ( UC Browser ) उसी योजना एक उपकरण है। ताकि अंतिम कार्रवाई से पहले जरूरी गोपनीय डेटा सैन्य और राजनीतिक हित को साधने के हासिल कर लिया जाए। इसका सबसे बड़ा उदाहरण डोनाल्ड ट्रंप की हालिया एक रैली है जिसे टिकटोक ने हाइजैक कर लिया था। इस घटना ने भारत में भी खतरे की घंटी बजा दी है।
सुरक्षा से जुड़ी भारतीय संस्थानों ने चीनी ऐप से खतरे के बारे पहले से ही सरकार को खतरे का संकेत देती रही हैं।
अपनी विस्तारवादी योजना पर अमल करने के लिए इस तरह की योजना पर चीन में काम सबसे पहले माओ के समय में शुरू हुई थी। शी जिनपिंग अब उसी को डीप फ्यूजन योजना के तहत बढऋा रहे हैं। इस योजना के तहत चीन की मंशा पूरी दुनिया तक अपनी पहुंच तकनीक, शिक्षा, मनोरंजन, शोध, सुरक्षा और सैन्य क्षेत्र में नवाचार को देकर सबसे पहले पीएलए को लाभ पहुंचाने की है। उसके बाद अत्याधुनिक तकनीक के जरिए चीन के राष्ट्रीय हितों अपने हिसाब से पूरा कराने की है।
हालांकि, चीन ने इस योजना की शुरुआत अमरीका ( America ) को ध्यान में रखकर की लेकिन गोपनीय डेटा ( Confidential data ) की विशालता की वजह से उसने इस योजना में भारत को भी शामिल कर लिया। इसकी जरूरत चीन को अपने सैन्य और क्षेत्र विस्तार की योजनाओं के लिए है। यह काम अफ्रीकन कंट्री में चीन पहले ही कर चुका है।
चीन के इस साजिश को भांपते हुए अमरीका ने चीनी छात्रों को वीजा जारी में कटौती की है। उसके बाद अप्रैल में भारत सरकार ने चीनी निवेश ( Chinese Investment ) के लिए सरकार से पर्वू अनुमति लेना किसी भी निजी और सरकारी संस्थानों के लिए जरूरी कर दिया है। साथ ही 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाकर चीन की विस्तारवादी योजनाओं को लगाम लगाने के मकसद से किया है।
Updated on:
02 Jul 2020 12:00 pm
Published on:
02 Jul 2020 11:58 am
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