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बांका के डीएम को पसंद आई हैदराबादी बिरयानी, सीएम तक पहुंचा प्रवासी मजदूरों का कौशल

CM Nitish Kumar ने कुशल कामगारों को सरकारी कामकाज से जोड़ने की डीएम को दी इजाजत। Banka Fulidumar के हजारों कामगार हैदराबादी पाक कला में मास्टर हैं। बांका के डीएम ने फुल्लीडुमर में स्थापित कराया पहला पाक हॉटस्पॉट, जो चल पड़ा है।

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Banka Fulidumar के हजारों कामगार हैदराबादी पाक कला में मास्टर हैं।

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) और लॉकडाउन ( Lockdown ) की वजह से दूसरे राज्यों से लाखों की संख्या में जब बिहार लौटे प्रवासी कामगार ( Migrant Laborers ) तो राज्य सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारी इन्हें बोझ मान बैठे। लेकिन जब इनकी कारीगरी का पता बांका के डीएम को लगा तो उन्हें अहसास हुआ कि ये प्रवासी मजदूर तो मानव संसाधन के कुशल कारीगर हैं।

तेलंगाना ( Telangana ) से लौटे ऐसे ही प्रवासी कामगारों का एक दल से जब बांका के डीएम सुहर्ष ( DM Suharsh Bhagat ) से मुलाकात हुई तो वो चौंक गए। बातचीत में उन्हें पता चला कि बांका के हजारों प्रवासी कामगार हैदराबाद के प्रसिद्ध होटलों ( Hyderabad Famous Hotels ) रेस्तरां व ढाबों में काम कर लौटे हैं। कई तो पाक कला निपुण ( Cooking skill Master ) हैं।

प्रवासी कामगारों में से बड़ी संख्या में शामिल युवा मटन बिरयानी, हैदराबादी चिकन बिरयानी, चिकन 65 और मिर्च चिकन, शाकाहारी बिरयानी, पनीर 65, और पनीर मिर्च सहित कबाब श्रृंखला ( Kebab Series ) की कई कलाओं के सिद्धस्त कुक हैं।

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पाक कला में माहिर ये युवा विशेषज्ञों का एक समूह बांका जिले के फुल्लीडुमर ब्लॉक ( Fulidumar Block of Banka District ) के रहने वाले हैं। सभी लोग कोरोना संकट व लॉकडाउन की वजह से अपने गांव लौटने को मजबूर हुए।

बांका प्रशासन के अधिकारियों जब इनके हाथों से हैदराबाद बिरयानी ( Hyderabad Biryani ) का लजीज स्वाद चखा तो चौंक गए। इन लोगों की पाक कला को जानने के बाद जिला प्रशासन ने प्रवासी कामगारों की कुशलता को लेकर एक सर्वे कराया। जहां इन कामगारों ने काम किया उस सूची तैयार कराई। इनमें कई नाम चर्चित हैं। जैसे हैवेन, अपनी बिरयानी, स्काई गार्डन और माई फ्रेंड्स सर्कल रेस्तरां, गोल्फ क्लब और कंट्री क्लब रेस्तरां, बसेरा व अन्य नाम शामिल हैं।

इसके बाद बांका के डीएम ने फुल्लीडुमर में ही पाक हॉटस्पॉट ( Pak Hotspot) स्थापित किया। फुल्लीडुमर में अब यह पाक हॉटस्पॉट चल पड़ा है।

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बांका के डीएम सुहर्ष भगत ( Banka DM Suharsh Bhagat ) ने हैदरबाद से लौटे रसोइए के बारे में मीडिया को भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इनमें कई तो इंटरनेशनल होटलों में इस काम को वर्षों से करते आएं हैं।

अब इन लोगों के लिए जिला प्रशासन एमएसएमई में काम की तलाश में जुट गया है, जिनमें ये माहिर हैं। साथ ही प्रशासन ने अपने चार सर्किट घरों के लिए खानपान और हाउसकीपिंग निविदाएं भी मंगाई हैं, जिनकी कीमत लगभग 1 करोड़ रुपए सालाना हो सकती है। बड़ी संख्या में जो लोग लौटे हैं,वे हाउसकीपिंग में भी कुशल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि बांका में 5,000 से अधिक रसोइए, स्टूवर्स, वेटर, डोरमैन और हाउसकीपर हैदराबाद और सिकंदराबाद से फुलिडुममार लौट आए हैं। अब योजना यह बनी है कि बांका के जायके पर सरकारी छौंक लगेगी।

डीएम सुहर्ष भगत ( Banka DM Suharsh Bhagat ) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) से रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए बांका के दो क्वारंटाइन सेंटर कर्पूरी ठाकुर छात्रावास लक्ष्मीपुर और डीएन सिंह कॉलेज भूसिया रजौन के कुछ कामगारों से बात की।

लक्ष्मीपुर में कामगार से बात करते हुए बांका डीएम सुहर्ष भगत ने सीएम को हैदराबाद के होटलों से लौटे कामगारों की जानकारी दी। साथ ही इन कामगारों को सरकारी डाक बंगला, अधिकारी आवास आदि में भोजन बनाने वालों में मौका देने की बात कही। मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति दी। बांका में प्राथमिकता के तौर पर इन रसोईया की बहाली सरकारी आवास पर होगी।


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