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कई शहरों में बंद हो रहे एटीएम, तीन महीने में 358 पर ताला

जून से लेकर अगस्त के बीच देश के अग्रणी बैंकों ने करीब 358 एटीएम को बंद कर दिया है।

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Dharmendra Chouhan

Oct 28, 2017

Banks close ATMs

नई दिल्ली. नोटबंदी के बाद इसी साल जून से अगस्त में देश के विभिन्न शहरों में अब तक अग्रणी बंैकों ने 358 एटीएम बंद कर दिए हैं। प्रतिशत की बातें करें तो देश में एटीएम की संख्या में 0.16 प्रतिशत कमी आई है। बीते 4 सालों में एटीएम की संख्या में 16.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। पिछले एक साल में यह आंकड़ा कम होकर अब 3.6 प्रतिशत पर ठहर गया है। देश में एटीएम शुरू होने के बाद से यह पहली बार है जब एटीएम की संख्या कम हुई है। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की जून में एटीएम की संख्या 59,291 थी, जो अगस्त में कम होकर 59,200 हो गई है। पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम की संख्या 10,502 से 10,083 है। एचडीएफसी की एटीएम की संख्या 12,230 से कम होकर 12,225 पर ठहर गई है।

एक एटीएम का मासिक खर्च एक लाख रुपए
बैंकों का कहना है कि एटीएम केबिन का एयरपोर्ट और मुंबई की प्राइम लोकेशन पर हर माह का किराया 40,000 रुपये तक जाता है। दिल्ली, चेन्नई और बेंगलूरु जैसे मेट्रो शहरों में भी एटीएम साइट का किराया 8,000 से 15,000 रुपये तक लग रहा है। किराए के अलावा सिक्योरिटी स्टाफ,. एटीएम ऑपरेटर्स, मेंटनेंस चार्ज और बिजली बिल को मिलाकर एक एटीएम के रखरखाव पर एक लाख रुपए तक खर्च हो रहा है। इनमें भी लगातार एसी चलने के कारण बिजली पर ज्यादा खर्च होता है। पिछले साल पुराने नोटों को बंद करने के लिए हुई नोटबंदी के बाद यह पहला मौका है जब एटीएम बंद होने की बात आई है। जबकि आमतौर पर नोटबंदी के बाद ज्यादा बैंक खाते खुले हैं और उनके धारकों को एसटीएम भी उपलब्ध कराए गए हैं। इस तरह से एटीएम कार्ड देश में बढ़े हैं, लेकिन एटीएम कम हुए हैं। इस तरह के एटीएम संख्या कम होने से का अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि देश कैशलेस हो रहा है। लोग आॅनलाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग को ज्यादा तरजिह दे रहे हैं। इन्हीं सबके चलते बैंक एटीएम की संख्या कर रहे हैं।