पत्थरबाजों ने शव पर भी हमला किया
अहमद मीर के मन में अपने माता-पिता को देखने की इतनी प्रबल इच्छा थी कि उन्होंने आतंकियों को चकमा देने के लिए अपनी दाढ़ी ही हटा दी। लेकिन उनकी ये सारी कोशिशे नाकाम रहीं। दरअसल, रविवार को जब 30 साल के मीर अपने घर जा रहे थे तो पुलवामा के वहीबाग इलाके में घात लगाकर बैठे आतंकियों ने उनकी गोली मार कर हत्या कर दी। वहीं, जब मीर के शव को उनके गांव लाया गया तो पत्थरबाजों ने वहां भी हमला कर दिया। बता दें कि मीर जम्मू-कश्मीर पुलिस के सीआईडी विभाग में तैनात थे।
मीर को मिली थी धमकी
उनके साथियों ने बताया कि मीर को भी आतंकियों की तरफ से धमकी मिली थी। आतंकियों ने उन्हें धमकी दी थी कि वह अपने गांव ना जाए। उनके एक सुपरवाइजिंग ऑफिसर ने बताया, ‘मैंने उन्हें बताया कि आतंकवादी हमला कर सकते हैं इसलिए उन्हें नहीं जाना चाहिए, लेकिन वह अपने माता-पिता से मिलना ही चाहते थे, जो पुलवामा के अंदरूनी इलाके सोंटाबाग में रहते हैं।’ अफसर ने मुताबिक वह घर जाते वक्त बदली हुई शक्ल के साथ आए। उन्होंने अपनी दाढ़ी हटा ली थी। मीर ने अपने निजी वाहन से गांव जाने का फैसला किया। मीर ने जाते वक्त कहा, ‘अब आतंकी मुझे पहचान नहीं सकेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मीर को अपनी जान गवांनी पड़ी।
आतंकियों के निशाने पर हैं पुलिसकर्मी
आपको बता दें कि काफी समय से जम्मू-कश्मीर में पुलिसकर्मी आतंकियों के निशाने पर हैं। ऐसी भी ख़बरे हैं कि धमकी मिलने के बाद कई पुलिसकर्मियों के सोशल मीडिया पर इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं, इससे पहले भी कई पुलिसकर्मियों को घात लगा कर निशाना बनाया जा चुका है।