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Horror Movies देखने वाले Corona महामारी के दौर में कम हुए परेशान, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

Published: Oct 03, 2020 10:58:47 am

Horror Movies देखने वालों को कोरोना संकट के दौर में कम हुई परेशानी
डेनमार्क की आहरस यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन एंड कल्चर के शोध में खुलासा
बताया किस तरह हॉरर फिल्में तनाव से लड़ने में करती हैं मदद

Coronavirus

हॉरर फिल्मों को शौकीनों को कोरोना महामारी के दौर में कम हुई परेशानी

नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस ( coronavirus ) महामारी का खतरा लगातार बढ़ रहा है। यही वजह हर जगह कोरोना से बचाव को लेकर कदम उठाए जा रहे हैं। यही नहीं कोविड-19 वायरस को लेकर कई जगहों पर शोध भी किए जा रहे हैं। ऐसे ही एक शोध में बड़ी खुलासा हुआ है। दरअसल हॉरर फिल्मों के शौकीनों में कोरोना वायरस का डर या परेशानी कम पाई गई है।
कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर के कई देशों में लंबी-लंबी अवधि के लिए लॉकडाउन लगाया गया। ऐसे में घरों में लंबे समय से रह रहे लोगों में मानसिक परेशानियों की कई घटनाएं भी सामने आईं, लेकिन नए शोध के मुताबिक जिन लोगों को हॉरर फिल्में देखने की आदत या शौक था उनको लॉकडाउन के चलते कम परेशानी हुई। यही नहीं इन लोगों में कोरोना वायरस का डर भी काफी कम था।
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कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन ने दुनियाभर के लोगों को शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी काफी परेशान किया। लेकिन इस बीच आई एक नई रिसर्च ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस शोध के मुताबिक कोरोना महामारी के दौरान हॉरर फिल्मों (Horror Movies) के शौकीन लोगों को कम मुश्किलों को सामना करना पड़ा। साथ ही और लोगों की तुलना में बेहतर तरीके से महामारी का सामना किया।
यहां हुई रिसर्च
कोरोना वायरस को लेकर डेनमार्क की आहरस यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन एंड कल्चर ने एक शोध किया। इस रिसर्च में 310 लोगों के बारे में आंकड़े जुटाए गए।

इनमें ये पाया गया कि जो लोग हॉरर फिल्में देखना पसंद करते हैं उन्हें इस कोरोना महामारी के दौरान पिछले कुछ महीनों में कम मानसिक तनाव झेलना पड़ा है।
ये बताई गई वजह
रिसर्च में ये बताया गया आखिर हॉरर फिल्में देखने वालों में महामारी जैसे पेनडेमिक से लड़ने में कैसे मदद मिली। रिसर्च के मुताबिक कम मानसिक तनाव की शायद एक वजह ये है कि इस तरह की फिल्में अपने दर्शकों को एक सुरक्षित माहौल में नकारात्मक भावनाओं को डील करने का अभ्यास करने का मौका देती है।
डर से निपटने की रणनीति में मदद
दरअसल हॉरर फिल्में दर्शकों को एक डर के माहौल से निपटने की रणनीति बनाने में मदद करता है। ऐसे में जब इस तरह की कोई स्थिति या हालात बनते हैं तो लोग तनाव को हावी नहीं होने देते, बल्कि शांति से निपट सकते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है लोग डरावनी फिल्में सिर्फ मनोरंजन के इरादे से देखते हैं, लेकिन इसके बावजूद डरावनी कहानियां सीखने के पर्याप्त अवसर देती हैं।

फिक्शन के माध्यम से दर्शक ये समझ सकते हैं कि खतरनाक शिकारियों से कैसे बचा जाए। सामाजिक स्थितियों को समझने में मदद मिलती है।
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अचानक फिल्में न देखने की हिदायत
रिसर्च में उन लोगों के लिए हिदायत भी दी गई है जो डरावनी फिल्में नहीं देखते। ऐसे लोगों को सलाह दी गई है कि अपने मानसिक स्तर को मजबूत करने के लिए अचानक से हॉरर फिल्में देखना न शुरू करें।

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