
नई दिल्ली। उत्तर बिहार में हो रही लगातार बारिश से छह जिलों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। सुपौल, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, किसनगंज, मधुबनी, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर जिले के गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी, सीतामढ़ी-रक्सौल, मुजफ्फरपुर-सुगौली रेलखंड पर रेलवे ट्रैक धंसने से ट्रेनों का परिचालन ठप है।
बाढ़ के कारण अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। अररिया में दो और मोतिहारी में एक बच्ची की डूबने से मौत हो गई।
वहीं, मधुबनी-झंझारपुर के पास कोसी की सहायक नदी कमला का बांध अचानक टूटने ( Kamla Dam Broken ) से सैकड़ों गांवों के लोग बाढ़ के पानी में फंस गए हैं।
बाढ़ के खतरे को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही राहत कार्य युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिए हैं।
पानी खतरे के निशान से 1.5 मीटर ऊपर
झंझारपुर में कमला बांध का जलस्तर पिछले कुछ दिनों से खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। नदी का जलस्तर झंझारपुर में खतरे के निशान से करीब डेढ़ मीटर ऊपर चला गया है।
लगातार बारिश के दबाव से टूटा कमला बांध
लगातार बारिश की वजह से रात से ही कमला बलान बांध मेें नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी है। इस बीच मधुबनी- झंझारपुर के बीच कमला नदी का बांध टूटने से सैकड़ों गांवों के लोग बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।
बताया जा रहा है काठमांडु में लगातार बारिश की वजह से कमला और कोशी नदी में पानी का दबाव पिछले कुछ दिनों से बढ़ गया था। इस बीच दरभंगा, मधुबनी और झंझारपुर क्षेत्र में लगातार बारिश की वजह से कमला बांध टूटने की घटना हुई है।
रेल सह सड़क के पास जलस्तर 52 मीटर
जानकारी के मुताबिक रात से ही कमला बलान नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी है। झंझारपुर स्थित रेल सह सड़क पुल के पास जलस्तर 52 मीटर पर बह रहा है।
नदी का जलस्तर बढ़ने से दोनों तटबंध में कई जगह पानी का दबाव बना हुआ है। दरभंगा में भी भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है।
सड़क संपर्क टूटा
झंझारपुर के परतापुर, पिपराघाट, दैयाखरबार सहित कई गांव के पास पानी का भीषण दवाब बढ़ गया है। नदी की धार तटबंध से सटकर बह रही है। नदी के भीतर बसे झंझारपुर के नवटोलिया बस्ती बाढ़ के पानी से घिर गया है। सड़क संपर्क भंग है।
तटबंध मरम्मत का काम जारी
झंझारपुर स्थित बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल एक के कार्यपालक अभियंता विमल कुमार ने बताया कि भारी बारिश की वजह से तटबंध पर दबाव बढ़ने से ये घटना हुई है। तटबंध की सतत निगरानी की जा रही है। वर्षा के पानी से जहां भी रेनकट हुई है उस जगह पर मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है।
Updated on:
14 Jul 2019 01:28 pm
Published on:
14 Jul 2019 10:59 am
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