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ओडिशा: भिखारी की लाश को कोई नहीं लगा रहा था हाथ, विधायक ने बेटे के साथ दिया कंधा

विधायक रमेश पटूआ ने न सिर्फ एक भिखारी महिला के लवारिस शव को कंधा दिया बल्कि पूरे विधि-विधान से उसका अंतिम संस्कार भी किया है।

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Chandra Prakash Chourasia

Aug 04, 2018

ramesh patua

ओडिशा: भिखारी की लाश को कोई नहीं लगा रहा था हाथ, विधायक ने बेटे के साथ दिया कंधा

नई दिल्ली। उस वक्त जब दुनिया में अपना अपनों का दुश्मन बना हुआ है। भाई भाई को मारने के लिए तैयार है, ऐसे वक्त में ओडिशा से इंसानियत की एक ऐसी तस्वीर आई है, जिसे देख आंखों भर आएंगी और मानवता के प्रति खोखला हो रहा विश्वास बढ़ेगा। यहां सांबलपुर के रेंगाली ब्लॉक में बीजेडी विधायक रमेश पटूआ ने न सिर्फ एक भिखारी महिला के लवारिस शव को कंधा दिया बल्कि पूरे विधि-विधान से उसका अंतिम संस्कार भी किया है।

ग्रामीणों ने नहीं हाथ तक नहीं लगाया

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संबलपुर के कोलाबारी में एक 80 साल की बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। वह अपने एक रिश्तेदार के साथ गांव के बाहर झोपड़ी में रहती थी। दोनों बुजुर्गों का जीवन ग्रामीणों से मिलने वाली भीख से चलता था। गुरुवार की रात जब महिला की मौत हो गई तो उसके साथ रहने वाले शख्स के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह उसका अंतिम संस्कार कर सके। गांववालों ने भी किसी मदद से यह कहते हुए इनकार कर दिया अगर वो ऐसा करते हैं ,उनकी जाति उन्हें समाज से निकाल देगी।

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विधायक ने बेटे के साथ दिया कंधा, खुद किया अंतिम संस्कार

बुजुर्ग की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार नहीं होने की खबर विधायक रमेश पटूआ को स्थानीय पुलिस के जरिए मिली। बीजेडी विधायक आनन फानन में आमनापाली गांव पहुंचे। जहां एक बुजुर्ग महिला के शव के पास बिलख-बिलख कर रो रहा था। विधायक ने तुरंत शव को श्मशान ले जाने का प्रबंध किया। इसके बाद जब शव को कंधा देने के लिए गांव वाले आगे नहीं आए तो विधायक ने अपने बेटे और अन्य रिश्तेदारों को मौके पर बुलाया और शव को खुद कंधा देकर श्मशान घाट तक पहुंचाया। इतना ही नहीं उन्होंने खुद पूरे विधि-विधान से बुजुर्ग महिला के शव का अंतिम संस्कार भी किया।

'ग्रामीणों की व्यवहार से दुखी'

बीजेडी विधायक रमेश पटूआ ने बताया कि उन्होंने यह काम मानवता के नाते और लोगों की सेवा की मकसद से की है। पटूआ ने मुझे हैरानी से ज्यादा दुख है कि जो बुजुर्ग महिला उस गांव में भीख मांगते हुए मर गई उसके शव को कंधा देने के लिए उसी गांव के लोग तैयार नहीं थे।

राज्य के सबसे गरीब विधायक हैं रमेश पटुआ

बता दें कि रमेश पटुआ ओडिशा के सबसे गरीब विधायक कहे जाते हैं। उनके पास पर्याप्त जमीन तक नहीं है, इसीलिए वो किराए के मकान में रहते हैं।

साइकिल पर रखकर ले गया शव

गौरतलब है कि पिछले सप्तताह ही ओडिशा के बौद्ध जिले से भी ऐसी ही खबर आई थी जहां कृष्नापल्ली गांव के निवासी चतुर्भुज बांक की पत्नी की बहन की डायरिया से मौत हो गई। महिला ने अस्पताल में इलाज के दौरान ही बीते बुधवार को दम तोड़ दिया था। अस्पताल की ओर से मिली एंबुलेंस महिला की बॉडी को चतुर्भुज के घर पर लाकर छोड़ दिया, लेकिन गांव के किसी भी सदस्य ने महिला की अर्थी को कंधा देने से साफ इंकार कर दिया। जिसके बाद चतुर्भुज को महिला की लाश को साइकिल पर बांध कर श्मशान तक ले जाना पड़ा। जहां उन्होंने महिला का अंतिम संस्कार किया।


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