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Budget 2021 : चुनावी राज्य असम, बंगाल, तमिलनाडु और केरल पर मेहरबान केंद्र सरकार, विकास का खेला दांव

चुनावी राज्यों पर केंद्र सरकार ने बरसाई चुनावी सौगात। रेल, हाइवे और टेक्सटाइल से जुड़ी अधिकांश प्रोजेक्ट चुनावी राज्यों के खाते में।

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तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल को मिला बजट में सबसे ज्यादा लाभ।

नई दिल्ली। सोमवार को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट 2021 से साफ है कि मोदी सरकार ने आगामी विधानसभा चुनाव वाले राज्यों पर खासतौर से मेहरबानी दिखाई है। ऐसा इसलिए आम बजट में रेलवे, हाइवे, टेक्सटाइल और इकोनोमिक कॉरिडोर से जुड़ी अधिकांश महत्वाकांक्षी परियोजनाएं उन्हीं राज्यों के खाते में गई हैं, जिन राज्यों में आगामी एक साल में चुनाव होने हैं। यहां पर यह जानना जरूरी है चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने बहुत हद तक अपनी पकड़ बना ली है, लेकिन तमिलनाडु और केरल में बीजेपी के लिए मुख्यधारा की पार्टी में शामिल होना दूर की बात है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में 3500 किलोमीटर नए राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाने का लक्ष्य रखा है। टेक्सटाइल पार्क से लेकर हाईवे और इकॉनोमिक कॉरिडोर के ऐलान को तमिलानाडु के राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है और पश्चिम बंगाल के हाइवे का कायाकल्प करने का ऐलान भी किया गया है। हाइवे प्रोजेक्ट के रूप में केरल को भी इसका लाभ मिला है।

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पश्चिम बंगाल : खास सौगात

पश्चिम बंगाल को इस बार खास सौगात से नवाजा गया है। कोलकाता-सिलीगुड़ी के लिए भी नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट का ऐलान किया गया है। 25 हजार करोड़ रुपए खर्च कर हजारों किलोमीटर हाईवे बनाए जाएंगे। इसमें कोलकाता-सिलीगुड़ी रोड की रिपेयर का काम भी शामिल है। इसके अलावा रेलवे अन्य प्रोजेक्ट भी पंश्चिम बंगाल के खाते में गई हैं।

असम : 5 फिशिंग हार्बर

वित्त मंत्री ने असम में अगले तीन साल में हाइवे और इकॉनोमिक कॉरिडोर का ऐलान का जिक्र किया है। पांच फिशिंग हार्बर को आर्थिक गतिविधि के हब के रूप में विकिसित किया जाएगा।

तमिलनाडु : सबसे ज्यादा लाभ

तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज के मोदी सरकार ने यहां के लिए बड़ा सियासी फैसला लिया है। इस फैसले के तहत 1.03 लाख करोड़ रुपए का बजट तमिलनाडु में नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट और इकॉनोमिक कॉरिडोर बनाने के लिए आवंटित किए गए हैं। इसी के साथ मुंबई-कन्याकुमारी इकॉनोमिक कॉरोडिर का निर्माण किया जाएगा। राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिहाज से काफी इसे अहम माना जा रहा है। तमिलनाडु में फिश लैंडिंग सेंटर का विकास किया जाएगा।

रेल परियोजना में रखा चेन्नई का ख्याल

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय रेल योजना 2030 की घोषणा की है। इस योजना पर अमल के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपए का बजट रेलवे को दिया गया है। भारतीय रेलवे के अलावा मेट्रो और सिटी बस सेवा को बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा। इसके लिए 18 हजार करोड़ रुपए की लागत लगाई जाएगीं अब मेट्रो लाइन को लाने पर जोर दिया जा रहा है। रेल, मेट्रो और सिटी बस परियोजना के तहत कोच्चि, बेंगलुरु, चेन्नई, नागपुर और नासिक में मेट्रो प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने पर खर्च किया जाएगा।

टेक्सटाइल पार्क का भी फायदा

टेक्सटाइल की सौगात का गुजरात और महाराष्ट्र के बाद सबसे बड़ा फायदा तमिलनाडु जैसे राज्य में होगा। तेजी से इस क्षेत्र में उभरा है और गारमेंट्स उद्योग के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। बजट 2021 में बताया गया है कि देश में 7 टेक्स्टाइल पार्क बनाए जाएंगे। ताकि इस क्षेत्र में भारत एक्सपोर्ट करने वाला देश बने। ये पार्क तीन साल में तैयार किए जाएंगे। इसके लिए डेवलेपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट बनाने का ऐलान किया गया है। तीन साल के भीतर यह 5 लाख करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टेक्सटाइल क्षेत्र में तमिलनाडु के लिए बड़ी घोषणा कर राहुल गांधी के दांव को कुंद कर दिया है।

केरल : हाइवे के लिए 65 हजार करोड़

केरल में 1100 किलोमीटर लंबा नेशनल हाईवे बनाया जाएगा। इस पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।

5 राज्यों की सत्ता पर बीजेपी की नजर

बता दें कि पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। असम में बीजेपी और असम गण परिषद के गठबंधन की सरकार है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी की सरकार है और ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हैं। केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार है यानी भाकपा और माकपा के साथ अन्य लेफ्ट पार्टियों का गठबंधन है और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन हैं। तमिलनाडु में ई पलानीस्वामी सीएम हैं और एआईएडीएमके सत्ता में है। कांग्रेस के पास सिर्फ केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी है। कुल मिलाकर बीजेपी की नजर पांच राज्यों में चुनावी जंग फतह करने की है।

बीजेपी की नजर पश्चिम बंगाल में ममता के किले को भेदने की है तो असम में अपनी सत्ता को हरहाल में बरकरार रखने की है। तमिलनाडु में बीजेपी एआईएडीएमके के सहारे मुख्यधारा की पार्टियों में शामिल होना चाहती है। केरल भी बीजेपी की योजना सत्ता के करीब तक पहुंचने की है। यही वजह है कि बजट 2021 से मोदी सरकार ने पांचों राज्यों के चुनावी समीकरण साधने का दांव चला है।