
दिल्ली शिक्षा बोर्ड का मकसद ऐसे बच्चे तैयार करने हैं जो देशभक्त हों।
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली को आजादी के 73 साल बाद अपना एजुकेशन बोर्ड मिल गया है। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन ( DBSE ) केे नाम से आधिकारिक तौर पर इसे रजिस्टर करा दिया है। दिल्ली सरकार की शिक्षा सत्र 2021-22 के लिए करीब 25 सरकारी स्कूलों को दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से एफिलिएट करने की योजना है।
जानकारी के मुताबिक एफिलिएट करने से पहले स्कूलों के अध्यापकों, प्रधानाचार्यों और अभिभावकों की राय लिया जाएगा।
वर्तमान में दिल्ली में 1000 सरकारी स्कूल हैं। 1700 निजी स्कूल हैं। दिल्ली में ज्यादातर स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं। कुछ स्कूलों में आईसीएसई बोर्ड की मान्यता हासिल है।
बोर्ड बनाने का मकसद
बता दें कि हाल ही में दिल्ली कैबिनेट की बैठक में दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के गठन को मंजूरी दी गई थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था कि अपना बोर्ड बनाने का मकसद देश की राजधानी के बच्चों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा देना है। यह तय करने का समय आ गया है कि दिल्ली के स्कूलों में क्या पढ़ाया जा रहा है।
सीएम केजरीवाल ने कहा है कि हमें ऐसे बच्चे तैयार करने हैं जो देशभक्त हों जो आने वाले समय में हर क्षेत्र में जिम्मेदारी उठाने को तैयार हों। दिल्ली केे बच्चे अच्छे इंसान बनें। एक तरफ अपने परिवार की तरफ ध्यान दें तो दूसरी ओर समाज की भी चिंता करें। दिल्ली शिक्षा बोर्ड ऐसी शिक्षा प्रणाली तैयार करेगा कि बच्चे अपने पैरों पर खड़े हों। ताकि जब वह अपनी पढ़ाई पूरी करके निकले तो वह दर-दर की ठोकरें ना खाएं।
Updated on:
17 Mar 2021 10:19 am
Published on:
17 Mar 2021 09:55 am
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