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अस्थाना ले किले मोदी सरकार ने किया मेरा ट्रांसफर
बता दें कि दो साल पहले रूपक दत्ता भी सीबीआइ निदेशक बनने की कतार में थे। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने राकेश अस्थाना को पद पर बैठाने के लिए उनकी अंदेखी की। दत्ता ने एक चर्चीत अखबार से बातचीत करते हुए कहा, ‘उन्हें विश्वास है कि अस्थाना की जगह बनाने के दिसंबर, 2016 में उनका ट्रांसफर गृह मंत्रालय द्वारा कर दिया गया था।’ जिस समय दत्ता का ट्रांसफर किया गया, उस दौरान वे सीबीआइ के विशेष निदेशक थे।
सीबीआइ निदेशक बनने की रेस में सबसे आगे थे दत्ता
गौरतलब है कि 2016 में तत्कालीन सीबीआइ निदेशक अनिल सिन्हा के पद भार छोड़ने से पहले, आश्चर्यजनक ढंग से दत्ता का ट्रांसफर कर दिया गया। अपनी वरिष्ठता के चलते दत्ता सीबीआइ निदेशक बनने की रेस में सबसे आगे थे, लेकिन तब भी उनका ट्रांसफर कर दिया गया। इसके बाद एडिशनल डायरेक्टर रहे अस्थाना को सीबीआइ का निदेशक बनाया गया।
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सीबीआइ अंतर्कलह से हैरान नहीं
आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में रिटायर हो चुके दत्ता अब कर्नाटक मानवाधिकार आयोग से जुड़े हुए हैं। सीबीआइ में जारी अंतर्कलह पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इन बातों से हैरान नहीं हैं। दत्ता के मुताबिक, सरकार अपने वफादारों को उच्च पदों पर बिठाने के लिए जोड़-तोड़ करती रही है। उन्होंने सीबीआइ मामले में कहा, ‘जो हम देख रहे हैं, वह भगवान की करनी है, सरकार की जोड़-तोड़ का नतीजा है।’