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‘दुर्लभ रोगों के लिए राष्ट्रीय नीति 2021’ को केंद्र सरकार की मंजूरी, इलाज के लिए मिलेंगे 20 लाख रुपये

National Policy for Rare Diseases 2021: केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 'दुर्लभ रोगों के लिए राष्ट्रीय नीति 2021' को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत दुर्लभ बीमारियों का इलाज कराने के लिए अब 20 लाख रुपये तक की सहायता सरकार की ओर से की जाएगी।

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Central Government approves 'National Policy for Rare Diseases 2021'

नई दिल्ली। देश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर प्रयास कर रही है। यही कारण है कि जहां एक ओर मोदी सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को हर साल 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में करा रही है, वहीं अलग-अलग राज्य सरकारें भी अपने-अपने स्तर पर गरीबों के लिए स्वास्थ्य योजनाएं चला रही है।

अब केंद्र सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए 'दुर्लभ रोगों के लिए राष्ट्रीय नीति 2021' ( National Policy for Rare Diseases 2021 ) मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत दुर्लभ बीमारियों का इलाज कराने के लिए अब 20 लाख रुपये तक की सहायता केंद्र सरकार की ओर से की जाएगी।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने जानकारी देते हुए बताया है कि 30 मार्च को 'दुर्लभ रोगों के लिए राष्ट्रीय नीति 2021' को मंजूरी दे दी गई है। अब इस स्कीम के जरिए दुर्लभ बीमारियों के उपचार के लिए राष्ट्रीय आरोग्य निधि के तहत 20 लाख रुपये तक की सहायता का प्रावधान किया गया है।

आयुष्मान भारत के तहत भी करा सकेंगे इलाज

आपको बता दें कि असामान्य या दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे मरीज अब आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत एकबारगी इलाज के लिए पात्र होंगे। इस योजना के ड्राफ्ट में कहा गया है कि इस वित्तीय सहायता के लाभार्थी केवल BPL परिवार के ही नहीं होंगे बल्कि यह सहायता उस आबादी के लगभग 40 फीसदी तक विस्तारित होगी, जो PMJAY के 23 नॉर्म्स के तहत केवल सरकारी टर्शियरी हॉस्पिटल्स में इलाज के लिए पात्र हैं।

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तीन ग्रुप में बांटी गई हैं दुर्लभ बीमारियां

आपको बता दें कि असामान्य या दुर्लभ बीमारियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है।

पहला- डिसऑर्डर्स एम्नेबल टू वन टाइम क्यूरेटिव ट्रीटमेंट

दूसरा- लॉन्ग टर्म या लाइफ लॉन्ग इलाज वाली असामान्य बीमारियां

तीसरा- ऐसी असामान्य बीमारियों का जिनके लिए डेफिनिटिव ट्रीटमेंट उपलब्ध है लेकिन लाभ के लिए मरीज का चुनाव करना एक चुनौती है।

इन्हें माना गया है दुर्लभ बीमारियां

आपको बता दें कि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं मरीजों को मिल सकेगा जो दुर्लभ या असान्य बीमारियों से पीड़ित हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि किस-किस बीमारी को दुर्लभ या असामान्य माना गया है।

- लाइजोजोमल स्टोरेज डिसऑर्डर्स

- स्पाइनल मस्क्युलर एट्रॉफी

- प्राइमरी इम्यूनोडिफीशिएंसी डिसऑर्डर्स

- ऑस्टियोजेनेसिस इंपरफेक्टा

- मेटाबॉलिज्म के स्मॉल मॉलिक्यूल इनबॉर्न एरर्स

- मस्क्युलर डिस्ट्रॉफीज की कुछ फॉर्म्स

- सिस्टिक फाइब्रॉसिस


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