मौके पर मौजूद एक शख्स के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक, तेज रफ्तार कैंटर और स्विफ्ट डिजायर में भीषण टक्कर हुई। इसके बाद सीएनजी के रिसाव के चलते कार में आग लग गई। इस दौरान कार में सेंट्रल लॉक लगा था और शीशे भी बंद थे। इसके चलते उसमें सवार दोनों युवक बाहर नहीं निकल पाए और थोड़ी देर में जलकर खाक हो गए। मौके पर मौजूद लोगों ने कार के शीशे तोड़ने की कोशिश की, लेकिन आग अचानक तेज हो गई। इसके चलते उन्हें नहीं बचाया जा सका।
बताया जा रहा है कि कार अगर सेंट्रल लॉक्ड नहीं होती तो शायद उन्हें बाहर निकाला जा सकता था। शीशे भी बंद होने से दोनों का अंदर ही दम घुट गया। फायर ब्रिगेड की टीम ने करीब 20 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।
पुलिस को कार की नंबर प्लेट से कोई जानकारी नहीं मिल पाई। इसके बाद चेसिस नंबर और मोबाइल नंबर की सीडीआर के आधार पर जांच हुई। ड्राइवर के नंबर से डायल किए गए एक नंबर पर कॉल किया तो उसके भाई अजीत पाल से बात हुई। इसके बाद वे अपने पिता के साथ शव गृह पहुंचे। पिता ने हाथ में पहने कड़े से शिनाख्त की। ड्राइवर की पहचान मनप्रीत सिंह के रूप में हुई, जो ओला कैब चलाता था। ओला की मदद से ही बुक करने वाले का भई नंबर मिला, जिसकी पहचान झारखंड निवासी राहुल के रूप में हुई।