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चंद्रयान 2 पर नया खुलासा, जहां लैंड हुआ विक्रम बेहद खतरनाक है इलाका!

ESA ने विक्रम लैंडर को लेकर किया बड़ा खुलासा जहां लैंड हुआ विक्रम, खतरनाक है इलाका- ESA

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Chandrayaan 2

नई दिल्ली। बहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान 2 को लगातार अपडेट सामने आ रही हैं। ISRO से लैंडर विक्रम का संपर्क टूटने के बाद कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ चुकी हैं। ISRO के कुछ अधिकारियों का कहना है कि विक्रम से दोबारा संपर्क जोड़ने की कोशिश जारी है। वहीं, कुछ अधिकारियों का कहना है कि दोबारा संपर्क जोड़ना नामुमकिन है। इसी कड़ी में चंद्रयान 2 को लेकर एक और खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि जिस जगह विक्रम लैंड किया वह बेहद खतरनाक इलाका है।

ईएसए का बड़ा खुलासा

यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) की एक रिपोर्ट के अनुसान, जिस जगह पर विक्रम लैंड हुआ है, वह एक खतरनाक इलाका है। ईएसए ने अपने खुद के एक मिशन के लिए यह रिपोर्ट तैयार की थी। ईएसए का मिशन तो पूरा नहीं हो सका लेकिन तैयारी के दौरान बनाई गई उसकी रिपोर्ट से कई अहम जानकारियां सामने आई हैं।

बताया जा रहा है कि लूनर लैंडर मिशन नाम का प्रॉजेक्ट ईएसए ने फंड्स की कमी के कारण बीच में ही रोक दिया। इसके तहत 2018 में लैंडिंग होनी थी। मिशन की प्लानिंग स्टेज में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग से जुड़े खतरों को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि इस क्षेत्र की सतह पर एक जटिल पर्यावरण है। इसमें चार्ज्ड पार्टिकल्स और रेडिएशन चांद की धूल से मिलते हैं। इस प्रक्रिया के नतीजे हैरान करने वाले और बेहद खतरनाक हो सकते हैं।

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ईएसए ने रिपोर्ट में कहा कि चांद की धूल एक्विपमेंट से चिपककर मशीनें खराब कर सकती है, सोलर पैनल्स को ढक सकती है और एक्विपमेंट्स की कार्यक्षमता को कम कर सकती है। इतना ही नहीं इलेक्ट्रोस्टेटिक फोर्सेज चांद पर धूल उड़ाती हैं जिससे खतरा हो सकता है।

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इन पार्टिकल्स से बनने वाले इलेक्ट्रोस्टेटिक चार्ज के कारण आगे जाने वाले लैंडर्स के लिए खतरा पैदा हो सकता है। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लैंडिंग के दौरान लैंडर को ऐसी किसी भी छाया पर नजर रखनी होती है, जिससे सोलर पावर जनरेशन पर असर हो। अब देखना यह है कि विक्रम से इसरो दोबारा संपर्क स्थापित करने में कामयाब होता है या फिर इस मिशन को लेकर कोई और विकल्प ढूंढा जाएगा।