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चंद्रयान-2: चांद पर हीलियम-3 को तलाशने गया था लैंडर विक्रम, पूरी दुनिया की ऊर्जा जरूरत हो सकती है पूरी

ISRO ने दावा किया है कि चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने मून लैंडर विक्रम का पता लगा लिया चंद्रयान 2 को चंद्रमा में हीलियम-3 की उपलब्धता की जानकारी जुटानी है

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Mohit sharma

Sep 11, 2019

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नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने दावा किया है कि चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने मून लैंडर विक्रम का पता लगा लिया है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) ने ट्वीट किया, "चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर का पता लगा लिया है, लेकिन अभी तक उससे संपर्क नहीं हो सका है।

इसरो ने कहाकि लैंडर से संपर्क करने की हर संभव कोशिश की जा रही है।

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इसरो ने हालांकि यह नहीं बताया कि चांद की सतह पर लैंडर इस समय किसी स्थिति में है।

अंतरिक्ष एजेंसी ने मून लैंडर के सात सितंबर तड़के अपने वास्तविक मार्ग से भटकने और उससे संपर्क टूटने के कारण पर अभी तक कुछ नहीं कहा।

आपको बता दें कि चंद्रयान-1 ने जहां चंद्रमा पर पानी की खोज की थी, वहीं चंद्रयान 2 को न केवल पानी की मात्रा और स्थिति का पता लगाना है, बल्कि चंद्रमा में हीलियम-3 की उपलब्धता की जानकारी जुटानी है।

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दरअसल, धरती पर पर हीलियम-3 बहुत कम मात्रा में उपलब्ध है। नासा के अनुसार चंद्रमा पर हीलियम-3 का प्रचुर भंडार है।

इसको लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर हम चंद्रमा से धरती पर हीलियम-3 ले आते हैं तो पूरी दुनिया में ऊर्जा की कमी पूरी हो जाएगी।

इस हीलियम-3 का इस्तेमाल धरती ऊर्जा पैदा करने में किया जा सकता है।