
,,
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) अपने मिशन चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की चांद पर भले ही सॉफ्ट लैंडिंग कराने में असफल रहा हो, लेकिन उसकी उम्मीद अभी तक टूटी नहीं है।
खासकर अब जबकि चांद पर सूरज की रोशनी पड़नी शुरू हो गई है। ऐसे में ISRO को एक बार फिर नई उम्मीद जगी है कि इससे लैंडर विक्रम में फिर जान आ सकती है।
इस बीच चंद्रयान के ऑर्बिटर ने चांद पर Sodium, calcium, aluminum, silicon, titanium and iron ढूंढ निकाले हैं।
इसरो की ओर से शेयर की गई एक महत्वपूर्ण जानकारी के माध्यम से बताया गया कि ऑर्बिटर में मौजूद 8 पेलोड ने आवेशित कणाें और इसकी तीव्रता की खोज की है।
आपको बता दें कि चंद्रयान-2 का महत्वपूर्ण भाग ऑर्बिटर लगातार चांद का चक्कर काट रहा है। यही नहीं चांद की परिक्रमा के दौरान ऑर्बिटर इसरो को तस्वीरों और डेटा के माध्यम से एक से एक बड़ी जानकारी भेज रहा है।
चांद पर पाए सोडियम, कैल्शियम, एल्यूमीनियम, सिलिकॉन, टाइटेनियम और आयरन की जानकारी भी इसरो को ऑर्बिटर द्वारा भेजी गईं तस्वीरों और डेटा के माध्यम से ही हुई।
वहीं, इसरो प्रमुख डॉ. सिवन ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय स्पेस एजेंसी अब अंतरिक्ष में भारत के अपना स्टेशन बनाने जा रही है।
इसके साथ ही अंतरिक्ष में अगले साल स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट भी किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस प्रयोग के लिए इसरो एक पीएसएलवी रॉकेट की मदद से 2 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजेगा।
Updated on:
06 Oct 2019 11:53 am
Published on:
06 Oct 2019 11:29 am
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
