scriptइसरो ने किया ये बड़ा खुलासा, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से मिली यह अहम जानकारी | Chandrayaan2 and GOES-15 of US during 30th September to 1st October 19 | Patrika News

इसरो ने किया ये बड़ा खुलासा, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से मिली यह अहम जानकारी

locationनई दिल्लीPublished: Dec 10, 2019 01:50:48 pm

Submitted by:

Prashant Jha

चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से मिली यह अहम जानकारी
सूरज हर ग्यारह साल पर अपने तापमान का चक्र बदलता
सोलर मैक्सिमा और सोलर मिनिमा की मिली जानकारी

इसरो ने किया ये बड़ा खुलासा, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से मिली यह अहम जानकारी

इसरो ने किया ये बड़ा खुलासा, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से मिली यह अहम जानकारी

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के मिशन चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने सूरज से निकलने वाली सौर किरणों का अध्ययन किया है। यह अध्ययन 30 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच डेटा जुटाए हैं। इसमें खुलासा हुआ है कि सूरज गर्म और सूरज ठंडा होता है। अध्ययन के मुताबिक सूरज हर ग्यारह साल पर अपने तापमान का चक्र बदलता है। यानी ग्यारह साल के अंतर पर सूरज की गर्मी कम या ज्यादा होती है।

11 साल में सूरज का बदलता है तापमान

सूर्य की सतह और उसके वायुमंडल को कोरोना के नाम से जानी जाती है। यह प्रत्येक ग्यारह वर्षों में एक बार अपने ‘सौर मैक्सिमा’ और ‘सौर मिनिमा’ से गुजरता है। अध्ययन में खुलासा हुआ है कि जब सूरज पर ज्यादा लाल धब्बे (सन स्पॉट) दिखाई पड़ते हैं तो मान लेना चाहिए कि सूरज अभी गुस्से में है यानी गर्म है। इसे सोलर मैक्सिमा कहते हैं। जबकि इसके उलट सूरज पर जब धब्बे कम दिखें या ना के बराबर दिखे तो इसे सोलर मिनिमा कहते हैं। यानी इस दौरान सूरज शुष्क या ठंडा होता है।

ये भी पढ़ें: weather updates: देश के इन राज्यों में बारिश के आसार, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

इसरो ने किया ये बड़ा खुलासा, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से मिली यह अहम जानकारी

बहुत कमय समय का होता है अंतराल

हर साल उत्सर्जित होने वाले सौर एक्स-रे का संचयी उत्सर्जन सौर चक्र के साथ रूप बदलता रहता है, हालांकि ये बहुत कम समय के लिए होता है। बहुत बड़ी एक्स-रे तीव्रता भिन्नता के साथ छिद्रित होते हैं। इस तरह के एपिसोड को सोलर फ्लेयर्स के रूप में जाना जाता है। इस सौर से पृथ्वी के चारों तरफ घूम रहे सेटेलाइट्स प्रभावित होते हैं, पृथ्वी पर संचार बाधित हो सकता है। इतना ही नहीं GPS सिस्टम काम करना बंद कर सकता है।

इसरो ने किया ये बड़ा खुलासा, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से मिली यह अहम जानकारी

क्या है सोलर फ्लेयर

सूरज की सतह और कोरोना (सूरज का वातावरण) पर हर समय छोटी-छोटी आवाज मिलती रहती है। सूरज की सतह पर होने वाली यह गतिविधि 11 वर्षों के चक्र (सोलर साइकिल) में होती है। इसका मतलब हर 11 साल में यह गतिविधि ‘सोलर मैक्सिमा’ से ‘सोलर मिनिमा’ से गुजरती है।

 

rwqsssssssssssssssssss.jpg

चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने दो उपकरण लगाए

इस रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने यह भी खुलासा किया है कि चंद्रयान-2 ऑर्बिटर सूर्य द्वारा उत्सर्जित एक्स-रे का इस्तेमाल आसानी से चंद्र सतह पर तत्वों का अध्ययन करने के लिए करता है। चंद्रयान -2 ऑर्बिटर ने इस तकनीक के जरिए चंद्र मौलिक संरचना को मापने के लिए दो उपकरणों, चंद्रयान 2 लार्ज एरिया सॉफ्ट एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (CLASS) और सोलर एक्स-रे मॉनिटर (XSM) को लगाया है। यहां, CLASS पेलोड चंद्र सतह से विशेषता लाइनों का पता लगाता है और XSM पेलोड एक साथ सौर एक्स-रे स्पेक्ट्रम को मापता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो