चिराग पासवान ने कहा कि लोजपा संविधान के अनुसार पार्टी प्रमुख के रूप में वह स्वयं या महासचिव के रूप में अब्दुल खालिक पार्टी करने के लिए अधिकृत हैं। पार्टी संविधान के अनुसार बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्यों की न्यूनतम उपस्थिति भी नहीं थी। पासवान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पारस तथा उनके समर्थकों को पार्टी का चिह्न और झंडे का प्रयोग करने से रोकने की अपील की है। इसके साथ ही पासवान ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी पशुपति कुमार पारस के बजाय चिराग पासवान को पार्टी नेता के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया है।
आपको बता दें कि पार्टी पर कब्जा करने की इस लड़ाई में पशुपति कुमार पारस ने एक दिन पहले ही शनिवार को पार्टी की समस्त कमेटियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बनाने की घोषणा की थी। नई कार्यकारिणी में चौधरी महबूब अली कैसर (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष), सुनीता शर्मा (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष), वीणा देवी (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष), रामजी सिंह (राष्ट्रीय महासचिव), प्रिंस राज (राष्ट्रीय महासचिव), संजय सराफ (राष्ट्रीय महासचिव), चंदन सिंह (राष्ट्रीय महासचिव) और विनोद नागर (राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष) को शामिल किया गया है।