
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के ( Supreme Court ) मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ( CJI Ranjan gogoi ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) को पत्र लिखकर शीर्ष अदालत में जजों की संख्या बढ़ाने का आग्रह किया है। सुप्रीम कोर्ट में लंबित पड़े 43 लाख केसों का हवाला देते हुए रंजन गोगोई ने पीएम मोदी को दो खत लिखे। उन्होंने इन खतों में प्रधानमंत्री से दो संवैधानिक संशोधन करने का आग्रह किया है।
रिटायरमेंट उम्र 62 से बढ़ाकर 65 साल करने की मांग
मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ( CJI Ranjan Gogoi ) के आग्रह में पहला सुझाव सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) की बेंच में जजों की संख्या में बढ़ोतरी करना और दूसरा हाईकोर्ट जजों की रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़ाकर 65 साल करना है। इसके साथ ही रंजन गोगोई ( Ranjan Gogoi ) ने पीएम को लिखे एक और खत में एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ( High Court ) के रिटायर जजों की नियुक्ति का प्रावधान किए जाने की मांग की है।
संवैधानिक बेंच के गठन में परेशानी
उन्होंने लिखा कि ऐसा करने से सालों से लंबित पड़े केसों का निपटारा किया जा सकेगा। सीजेआई ( CJI ) ने यह भी लिखा कि 10 से अधिक सालों में पहली बार सुप्रीम कोर्ट में 31 जजों का कोरम पूरा हुआ है। सीजेआई ने लिखा कि जजों की संख्या में भारी कमी के चलते संवैधानिक बेंच के गठन में परेशानी आती है।
खत में पेश किया आंकड़ा—
- फिलहाल शीर्ष अदालत में 58,669 केस लंबित
- 26 ऐसे मामले हैं, जो बीते 25 सालों से लंबित
- 100 ऐसे केस हैं, जो 20 वर्षों से पेंडिंग
- 15 सालों से 593 केस पेंडिंग
- 10 सालों से 4,977 केस सुप्रीम कोर्ट में हैं
2009 में संख्या 31 की गई
उन्होंने अपने खत में यह भी लिखा कि 1988 में जजों की संख्या को 18 से बढ़ाकर 26 की गई थी। फिर 2009 में यह संख्या 31 की गई। उन्होंने लिखा कि जजों की संख्या भी बढ़ती केसों की संख्या के अनुसार ही बढ़नी चाहिए। सीजेआई ने लंबित आंकड़ों का ब्यौरा देते हुए लिखा कि 2007 में 41,078 केस लंबित थे, जो अब बढ़कर 58,669 तक पहुंच गए हैं।
Updated on:
22 Jun 2019 02:53 pm
Published on:
22 Jun 2019 09:48 am
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