
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कश्मीरी पंडितों से अपील करते हुए उनसे अपने पुश्तैनी इलाकों में आने को कहा है। महबूबा ने कहा कि उन्हें कश्मीर घाटी में आकर अपनी नई पीढ़ियों को उनकी जड़ों से रूबरू कराएं। पीडीपी प्रमुख ने कश्मीरी पंडितों से उनका दुखद अतीत की यादों से आगे बढ़ने की भी अपील की है।
'अतीत दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन आगे बढ़ना होगा'
दिल्ली में कश्मीरी पंडितों के साथ एक वार्ता सत्र में महबूबा मुफ्ती ने अपील करते हुए कहा है, 'आपको कश्मीर घाटी में आना चाहिए। आपकी नई पीढ़ियों को घाटी की जिंदगी में जुड़ी अपनी जड़ों को समझना चाहिए। हम सभी व्यवस्थाएं करेंगे। अतीत में जो कुछ हुआ वो सब दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन अब हमें आगे बढ़ना होगा।'
भारत-पाक युद्ध पर भी बोलीं मुफ्ती
वार्ता सत्र के दौरान मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की का अनुसरण करें और पाकिस्तान के साथ फिर से वार्ता शुरू करें। उन्होंने कहा, 'अभी ना तो भारत और ना ही पाकिस्तान युद्ध लड़ने की स्थिति में है। दोनों देश जानते हैं कि यदि अभी युद्ध हुआ तो कुछ भी नहीं बचेगा। दोनों देशों को सबकुछ खोना पड़ेगा।'
1990 में शुरू हुआ था घाटी से पंडितों का पलायन
कार्यक्रम में एक युवक ने मुफ्ती से कश्मीरी पंडितों को राहत पर भी सवाल किया। गौरतलब है कि 1990 के दशक में बढ़ते आतंकवाद के दौरान घाटी से पलायन शुरू किया था। उन्हें अतिवादी इस्लामिक अनुयायियों और दहशतगर्दों से धमकियां मिल रही थीं। 2010 में राज्य सरकार से मिली एक जानकारी के मुताबिक 808 परिवार उस समय भी राज्य में रह रहे थे। सरकार ने तब कहा था कि बाकी के परिवारों को भी वित्तीय और अन्य तरह की मदद की पेशकश की गई थी, लेकिन सफलता नहीं मिली।
मारे गए थे सैकड़ों कश्मीरी पंडित
जम्मू-कश्मीर सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1989 से 2004 के बीच करीब 219 कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी गई थी। लेकिन इसके बाद इस तरह की घटना नहीं हुई। हालांकि जुलाई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने उन 215 मामलों की फाइल फिर से खोलने से इनकार कर दिया था, जिनमें सैकड़ों लोग मारे गए थे।
Updated on:
31 Mar 2018 10:37 pm
Published on:
31 Mar 2018 08:07 pm
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