
बकरीद की तैयारी: सलमान खान और करण-अर्जुन को कड़ी टक्कर दे रहा है बाहुबली
चंडीगढ़। बुधवार को पूरे देश में मुस्लिम समुदाय का त्यौहार बकरीद मनाई जाएगी। ईद-उल जुहा की तैयारियां पूरे देश में चल रही हैं। बाजार खरीददारों से पटे पड़े हैं, कुर्बानियों के मवेशी भी अभी तक बिक रहे हैं। इस बार 'करण', 'अर्जुन', और 'सलमान' को 'बाहुबली' जबरदस्त टक्कर दे रहा है। चंडीगढ़ के मनीमाजरा में लगे मवेशियों के बाजार में 'करण', 'अर्जुन' और 'सलमान खान' के साथ साथ 'बाहुबली' भी छाया हुआ है। इन कुर्बानी के जानवरों की कीमत पांच हजार से एक लाख रुपए तक आंकी जा रही है है। हालांकि इस बार बाजार थोड़ा फीका नजर आ रहा है। खबरों के मुताबिक सोमवार शाम को एक बकरा 35000 से ऊपर के दामों में बिका है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से मनीमाजरा बाजार में बकरे बेचने आए व्यापारी अली अहमद ने बताया कि, " इस साल हमने अपने माल (मवेशी ) सस्ते दामों पर बेचें हैं क्योंकि बकरा बेचने वाले की संख्या बहुत ज्यादा है। पहले यहां संख्या कम थी। अली ने आगे बताया है कि इस बाजार में वह गत पांच वर्षों से आ रहा है। ईद पर बेचने के लिए वह 20 बकरे ले गया, उसने बताया कि सिर्फ 10 बकरे बेचे हैं वह भी काम फायदे के साथ। उसके पास बाहुबली नामक बकरा भी है। जिसकी अच्छी तरह से खिलाई-पिलाई की गई। पिछले डेढ़ साल से बाहुबली को विशेष आहार देने का व्यापारी ने दावा किया है। उसने बताया कि इसकी लंबाई ऊंची है और मैंं 45000 रुपए से ज्यादा इस बकरे के बेचने की उम्मीद कर रहा हूं।
करण-अर्जुन का भी जलवा बरकार
वहीं इसी बाजार में करण-अर्जुन नाम के बकरों का भी जलवा देखने को मिल रहा है। पंजाब के ही मवेशी कारोबारी ने बताया है कि उसके बाक करण और अर्जुन नाम के दो अच्छे बकरे हैं। दोनों एक जैसे दिखते हैं और उम्र भी समान है, इसलिए उनका नाम करण-अर्जुन रखा गया है। सोमवार शाम तक करण-अर्जुन की कीमत 56000 रुपए तक पहुंच गई थी।
इस साल बाजार रहा धीमा
इस साल बाजार धीमा बताया जा रहा है। व्यापारियों का मानना है कि ईद से पहले घाड़ी देशों में पशुधन शिपिंग पर अस्थायी प्रतिबंध की वजह से ऐसा हो सकता है। चंडीगड़ में सेक्टर 26 के मुजफ्फर ने बताया कि हर साल हजारों बकरियां और भेड़ें खाड़ी देशों में भेजी जाती थी लेकिन इस बार मवेशी विदेश नहीं गए, कई विक्रेता अपने जानवरों को बेचने के लिए यहां बाजारों में आ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से, विभिन्न राज्यों से आने वाली अलग-अलग मवेशियों की भरमार है। शाम को बाजार में भीड़ लगी रहती है। कुछ कारोबारी फूलों से अपने मवेशियों को भी सजाए दिखते हैं। वहीं कुछ खरीददार ऐसे भी है जो रोज बाजार इस चक्कर में जा रहे हैं कि बाजार में मवेशियों के दाम कम हो तब वह कुर्बानी का जानवर खरीदें।
Published on:
21 Aug 2018 12:17 pm
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