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कांग्रेस का बड़ा आरोप, जिस अटल टनल का PM ने किया उद्घाटन, वहां से सोनिया गांधी की रखी आधारशिला गायब!

कांग्रेस ( Congress ) पार्टी ने कहा- अटल टनल ( Atal Tunnel ) की आधारशिला 'गायब' जून, 2010 में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) ने रखी थी आधारशिला

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Kaushlendra Pathak

Oct 13, 2020

Congress Party Big Balme Over Atal Tunnel Foundation Stone

अटल टनल की आधारशिला गायब।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने विगत तीन अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh ) के रोहतांग में अटल टनल ( Atal Tunnel ) का उद्घाटन किया था। लेकिन, उद्घाटन के बाद से ही यह टनल विवादों में घिरता जा रहा है। उद्घाटन के महज 72 घंटे के अंदर तीन हादसे हो गए। वहीं, अब आधारशिला गायब होने की खबर सामने आ रही है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि इस टनल की आधारशिला कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रखी थी। लेकिन, वह अब 'गायब' हो गई है। इस मामले को लेकर अब कांग्रेस पार्टी ने विरोध प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान किया है।

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अटल टनल की आधारशिला 'गायब'

दरअसल, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि टनल के उद्धाटन से पहले ही सुरंग से आधारशिला को हटा दिया गया था। प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौड़ ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र भी लिखा है और विरोध करने की चेतावनी भी दी है। प्रदेश अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा कि अगर आधारशिला को दोबारा नहीं लाया जाता है तो राज्य सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी बड़ा आंदोलन करेगी। प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि आधार पट्टिका को हटना न तो परंपरागत है और ना ही लोकतांत्रिक। यह कदम पूरी तरह से अवैध है। गौरतलब है कि 28 जून, 2010 को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रोहतांग टनल परियोजना की आधारशिला रखी थी। वहीं, इस मामले को लेकर कांग्रेस के नेता हरि चंद शर्मा और जियाचेन ठाकुर ने थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है। साथ ही पूरे मामले की जांच की मांग भी की गई है कि आखिर यह पत्थर कैसे गायब हुआ?

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साल 2000 में इस टनल को बनाने का लिया गया था निर्णय

यहां आपको यह भी बता दें कि जून, 2000 में इस टनल को बनाने का निर्णय लिया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी के सम्मान में साल 2019 में मोदी कैबिनेट ने इस टनल को उनके नाम पर रखने का फैसला लिया। यह सुरंग लाहौल-स्पीति घाटी को आपस में जोड़ती है। इतना ही नहीं इस टनल के निर्माण से पांच घंटे का समय भी बचता है। इस टनल की लंबाई 9.02 किलोमीटर है, जो तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर बनाई गई है।