Haridwar kumbh Mela 2021 में उड़ी Corona Guideline की धज्जियां, दूसरे शाही स्नान में 31 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लिया हिस्सा
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( Coronavirus ) का खतरा लगातार बढ़ रहा है। यही वजह है कि केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक हर स्तर पर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन इस बीच देश में कुछ स्थान ऐसे भी है जहां कोरोना गाइडलाइन की खुले आम धज्जियां उड़ रही हैं। इन्हीं से एक है हरिद्वार, जहां महाकुंभ ( Haridwar kumbh Mela 2021 ) मेले के चलते कोरोना के नियमों को ताक पर रख दिया गया। नतीजा ये निकला बड़ी संख्या में पॉजिटिव केस सामने आए हैं।
दरअसल 12 अप्रैल को हरिद्वार को दूसरी शाही स्नान था, लिहाजा बड़ी संख्या श्रद्धालु पहुंचे। पहले अखाड़ों ने फिर आम जनता ने शाही स्नान किया। इस दौरान ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ और ना ही मास्क लगाना किसी ने जरूरी समझा।
हरिद्वार महाकुंभ ( Haridwar kumbh Mela 2021 ) में कोरोना के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई हैं। मास्क, सोशल डिस्टेंस और कोरोना के नियम भूलकर लाखों की संख्या में भक्त कुंभ में पहुंच रहे हैं।
यही नहीं, इस दौरान उत्तराखंड सरकार को भी थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क के नियम के पालन के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
वहीं सीएम तीरथ सिंह रावत ने दावा किया है कि शाही स्नान के दौरान राज्य सरकार ने केंद्र की ओर से जारी की गई कोराना गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन किया है। लेकिन तस्वीरें तो कुछ और ही बयां कर रही हैं।
कुंभ मेला पुलिस नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, दूसरे शाही स्नान में 31 लाख से ज्यादा भक्तों ने हिस्सा लिया। वहीं स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस दौरान रविवार रात 11:30 बजे से सोमवार शाम पांच बजे तक महज 18,169 श्रद्धालुओं की कोरोना टेस्ट किया गया, जिसमें से 102 पॉजिटिव पाए गए हैं।
खास बात यह है कि लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की आशंका तो पहले ही थी, बावजूद इसके कई जगह मेला प्रशासन की थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था नदारद दिखी।
सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के बावजूद श्रद्धालु मास्क नहीं पहने दिखे। यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर बने चेक प्वाइंट पर आने वालों की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट जरूर देखी गई, लेकिन मेला क्षेत्र में कोई व्यवस्था नहीं दिखी।
50 फीसदी ही आए श्रद्धालु
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक कोरोना के चलते इस बार जितने श्रद्धालुओं के आने का अनुमान था उससे 50 फीसदी ही पहुंचे। कोशिश यही रही कि कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालान कराया जाए। हालांकि ये काफी चुनौतीपूर्ण था।
आपको बता दें कि इस बार हरिद्वार महाकुंभ में 13 अखाड़ों ने हिस्सा लिया। इन सभी अखाड़ों ने पैड़ी ब्रह्मकुंड पर शाही स्नान किया। सबसे ज्यादा सन्यासी अखाड़े पहुंचे।