एससीबीए ने प्रस्ताव के जरिए सीजेआई एसए बोबडे ( CJI SA Bobde ) और अन्य जजों से आगामी 4 सप्ताह तक अदालत को बंद रखने की अपील की है। एससीबीए ने शीर्ष अदालत को इन छुट्टियों को मई से जुलाई तक की छुट्टियों में समायोजित करने का सुझाव दिया है।
दूसरी तरफ कोरोना की वजह से उत्पन्न स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए बार, न्यायालय, कार्यालय के कर्मचारियों और रजिस्ट्री कर्मचारियों के सदस्यों की सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट आॅन रिकाॅड्र्स एसोसिएशन ( SCORA ) ने भी एक प्रस्ताव पास कर कम से कम दो सप्ताह के लिए सर्वोच्च अदालत को बंद करने की सिफारिश सीजेआई व अन्य जजों से की है। स्कोरा ने सीजेआई एसए बोबडे से कहा है कि अगर ऐसा करना संभव न हो तो कम से कम आगामी दो सप्ताह तक के लिए…
1. डेथ वारंट, जमानत, हिरासत और बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं से संबंधित तत्काल मामलों को छोड़कर बाकी मामलों की सुनवाई पूरी तरह से बंद कर दी जाए। 2. न्यायाधीशों की पीठ का गठन केवल तभी किया जाए जब अचानक आवश्यकता हो और उक्त मामलों की सुनवाई जरूरी हो।
3. अदालती समय का नुकसान न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए स्कोरा ने ग्रीष्म अवकाश पर रोक लगाने का सुझाव भी दिया है। यदि आवश्यक हो तो न्यायालय शनिवार को अदालत का काम जारी रख पेंडिंग मामलों की कर सकती है।
4. सुप्रीम कोर्ट परिसर में केवल उन वकीलों और क्लर्कों को प्रवेश की अनुमति हो जो केस से जुडे हों। 5. सभी उच्च न्यायालयों से अनुरोध किया जाए कि वे अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले कर्मचारियों को निर्देश जारी कर अगले आदेश तक नीलामी के काम को रोक दे।
6. न्यायालय के आदेशों और अन्य वैधानिक मामलों के संदर्भ में जुर्माना जमा करने की अवधि को बढ़ाया जाना चाहिए। ताकि तत्काल मामलों के तहत एससलपी दाखिल करने के अनावश्यक जोखिम से बचा जा सके।
स्कोरा ने सभी सदस्यों और अधिवक्ताओं से अपील की है कि: 1. सुप्रीम कोर्ट परिसर में किसी विशेष स्थान पर भीड़ न लगाएं। 2. अधिवक्ता और सूचीबद्ध लिपिक ही परिसर के अंदर प्रवेश करें।
3. अनावश्यक रूप से मामलों को दाखिल करने से या अदालत परिसर में प्रवेश करने से बचें। 4. किसी भी सदस्य या अधिवक्ता या उसके कर्मचारी या लिपिक को खांसी, बुखार, गले में खराश नाक बहना या सांस लेने में कठिनाई के लक्षण हों तो वो स्वयं ही रुक जाएं।