
मानसिक बीमारियों से घिरे कोरोना योद्धा
नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी ( Coronavirus ) ने लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को क्षति पहुंचाई है। कोरोना मरीजों में अवसाद और मानसिक स्वास्थ्य ( Mental Health ) की समस्याएं आ रही थीं, लेकिन अब दावा किया जा रहा है कि कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्सक भी अब इसके घेरे में हैं।
जर्नल ऑफ साइकियाट्रिक रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन में यह पाया गया कि कोविड-19 के रोगियों की देखभाल में शामिल डॉक्टरों, नर्सों और आपातकालीन सेवाओं से जुड़े लोगों को एक या उससे अधिक मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है। ये लोग तनाव, अवसाद, चिंता, शराब के उपयोग या अनिद्रा के शिकार हो सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने 571 स्वास्थ्य कर्मचारियों पर अध्ययन किया। इनमें 473 आपातकालीन सेवाओं से जुड़े लोग (अग्निशामक, पुलिस, ईएमटी आदि) और 98 नर्स और डॉक्टर शामिल थे। अध्ययन के परिणामों के अनुसार, लंबे समय तक तनाव स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों और आपातकालीन उत्तरदाताओं में विभिन्न मानसिक रोगों को जन्म दे सकता है।
अध्ययन में यह पाया गया कि 56 प्रतिशत उत्तरदाताओं में कम से कम एक मानसिक स्वास्थ्य विकार पाया गया। 15 से 30 प्रतिशत में प्रत्येक विकार की व्यापकता पाई गई। शराब का उपयोग, अनिद्रा और अवसाद सबसे अधिक रिपोर्ट की गई समस्याएं हैं।
वायरस के संपर्क वालों को अधिक खतरा
वैज्ञानिकों ने पाया कि ऐसे स्वास्थ्यकर्मी जो वायरस के संपर्क में थे या जिन्हें संक्रमण का अधिक खतरा था, उनमें तनाव, चिंता और अवसाद का खतरा काफी बढ़ गया था।
पहचान कर दें वैकल्पिक भूमिकाएं
इस अध्ययन के शोधकर्ता अमरीका में यूटा विश्वविद्यालय के एंड्रयू जे स्मिथ का सुझाव है कि इन व्यक्तियों की पहचान करना जरूरी है।
इन्हें वैकल्पिक भूमिकाएं प्रदान करने से चिंता, भय, और असहाय होने की भावना खत्म हो सकती है। कुल मिलाकर ऐसे मेडिकल कर्मियों को कुछ दिन दूसरी भूमिकाएं देकर उन्हें मानिसक तौर पर स्वस्थ्य होने का समय देना जरूरी है।
Published on:
15 Jan 2021 10:00 am
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