बिलखता रहा पिता, बोला- बहुत अभागा हूं
बिलावर के लोहाई मल्हार क्षेत्र के गांव थल निवासी मजदूर रसाल चंद की बेटे की शुक्रवार को मौत ( Son Died in Lockdown ) हो गई। वह कई सालों से बीमार चल रहा था। उसके पिता रसाल चंद पिछले डेढ़ महीने से मजदूरी के लिए जयपुर गए हुए थे। लॉकडाउन के चलते वह जयपुर में ही फंस गए। पत्नी ने फोन पर बेटे के मौत की सूचना दी। पिता रसाल पूरी तरह टूट गया और बिलखने लगा। लेकिन, वह चाहकर कर भी कुछ नहीं कर सका। उसने पत्नी से फोन पर कहा, मैं बहुत अभागा हूं, जो अंतिम समय में बेटे का चेहरा तक नहीं देख पाया, न ही उसका अंतिम संस्कार कर सका।
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ग्रामीणों की मदद से हुआ दाह संस्कार
बता दें कि रसाल चंद के दो पुत्र है। एक शिमला तो दूसरा दिल्ली में फंसा है। ऐसे में घर में सिर्फ मां ही थी। उसके बेटे राजकुमार की मौत हो गई। मौत की खबर सुनकर रिश्तेदार और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। हिंदू-रीति रिवाज के अनुसार ग्रामीणों ने ही बेटे का अंतिम संस्कार ( Funeral of Son ) कराया। थल गांव के जनक राज ने बताया कि रसाल चंद के बेटे के अंतिम संस्कार के लिए रिश्तेदारों के साथ मोहल्ले के कुछ लोग शामिल हुए। एक पिता के लिए इससे दुख की बात क्या हो सकती थी कि उसे बेटे की मौत की खबर फोन पर मिली और वह उसके अंतिम संस्कार में शामिल भी नहीं हो पाया।