
बिहार
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग में शामिल हुए और राज्य में कोरोना वायरस को लेकर उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों से बिहार आए लोगों को स्थानीय स्तर पर चिन्हित किया गया है। ऐसे 1 लाख 74 हजार 470 लोग हैं। इनमें 12051 ऐसे लोग हैं जो विदेशी के रूप में देश के बाहर से आए हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आए सभी लोगों को होम क्वारेंटाइन में रखा गया है। खासकर विदेश से आए लोगों की जांच कराई जा रही है।
इस बाबत मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "तबलीगी जमात के कारण जो सबसे बड़ी समस्या आई है, उसके बारे में हम लोगों ने पता किया है। तबलीगी जमात के 112 लोगों की सूची हम लोगों को प्राप्त हुई है, जिसमें से बिहार के 12 लोगों की पहचान कर ली गई है। इनमें से कई लोग बिहार के बाहर ठहरे हुए हैं। 55 लोगों की पहचान की कोशिश की जा रही है, जिससे उनकी जांच हो सके।"
उन्होंने बताया कि कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए अलग से अस्पताल के रूप में नालंदा मेडिकल अस्पताल सुनिश्चित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कई दवाइयों और जरूरी उपकरणों की उपलब्धता के विषय में भी बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा, "लैबोरेट्री टेस्ट को प्रभावी बनाने के लिए भारत सरकार से अधिकृत टेस्टिंग किट्स और उसके साथ उपयोग में आने वाली अन्य सामग्री जैसे बीपी, आरएनए एक्सट्रैक्शन किट आदि को समाहित करते हुए एक सेट के रूप में दिया जाए, जिसका काफी अच्छा परिणाम होगा।"
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही COVID-19 की रोकथाम और उपचार के लिए N-95 मास्क, पीपीई किट का भी इंतजाम होना चाहिए। इसके अलावा भी कई कमियों का जिक्र किया गया।
Updated on:
03 Apr 2020 07:27 am
Published on:
02 Apr 2020 10:15 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
