
Delhi Government wants schools to be reopened soon
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) के बीच अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की ख्वाहिश है कि जल्द से जल्द राजधानी में स्कूलों ( delhi schools ) को खोला जाए। दिल्ली सरकार का मानना है कि छात्रों के लिए स्कूल जाना बेहद जरूरी है और स्कूल जाने पर ही छात्रों का सर्वांगीण विकास संभव है। वैसे बता दें कि फिलहाल देशभर में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर 31 अगस्त तक सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। दूसरी तरफ अभिभावकों के विभिन्न समूहों ने भी COVID-19 के प्रकोप को देखते हुए फिलहाल स्कूलों ( delhi schools news ) को ना खोले जाने की गुजारिश की है।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ( Deputy CM Manish Sisodia ) ने मंगलवार को कहा, "हम सब प्रार्थना करें कि जल्द से जल्द स्कूल खुल जाएं। प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है। विद्यालय का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। स्कूल जाने से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव है। इसलिए हम चाहते हैं कि स्कूलों को जल्द से जल्द खोला जाए। हालांकि जब तक स्कूल नहीं खुल जाते, तब तक ऑनलाइन क्लासेज को बेहतर करने की कोशिश है।"
सिसोदिया ने आगे कहा, "मैं भी एक पिता हूं और मेरा बेटा भी एक कमरे और लैपटॉप में सिमट गया है। बाहर जाने और स्कूल में पढ़ाई से जो लाभ होता है, उससे वंचित होना एक बड़ा नुकसान है।"
बता दें कि दिल्ली सरकार के स्कूलों ( Schools in Delhi ) में सेमी ऑनलाइन एजुकेशन के अनुभवों पर फीडबैक जुटाया जा रहा है। मंगलवार को सिसोदिया ने चिराग एन्क्लेव स्थित कौटिल्य राजकीय एसकेवी पहुंचकर शिक्षकों और अभिभावकों के साथ संवाद किया। इस कड़ी में दिल्ली सरकार द्वारा अब तक सात जोन के स्कूलों ( when school reopen ) में अभिभावकों और शिक्षकों से उनका फीडबैक लिया जा चुका है। इस दौरान अभिभावकों ने कहा कि बच्चे इस पढ़ाई को खूब एन्जॉय कर रहे हैं और शिक्षकों ने काफी मेहनत की है।
इस दौरान उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "हमारे पास आए आंकड़ों के मुताबिक यह प्रयोग अच्छा चल रहा है और आज मैं अभिभावकों और शिक्षकों से जमीनी हकीकत समझने आया हूं। यह काफी कठिन वक्त है। हमें इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि बच्चों का नुकसान नहीं हुआ है। हम यह कोशिश कर रहे हैं कि यह नुकसान कम से कम हो। इस स्कूल के 83 फीसदी बच्चे सेमी ऑनलाइन क्लासेज से जुड़ चुके हैं, लेकिन शेष 17 फीसदी बच्चों से अब तक संपर्क नहीं हो सका है।"
बताया जा रहा है कि दिल्ली में जिन छात्र-छात्राओं के पास ऑनलाइन प्लेटफॉर्म नहीं था, उनके लिए सेमी ऑनलाइन व्यवस्था के तहत स्कूल में मैटेरियल दिया गया है। ऐसे छात्रों एवं उनके अभिभावकों से स्कूल फोन पर संपर्क कर रहे हैं। गौरतलब है कि दिल्ली में सरकारी स्कूलों ने इस बार 98 प्रतिशत नतीजा ला कर इतिहास रच दिया है। पांच साल पहले यह परिणाम 84 प्रतिशत से बढ़कर 88 प्रतिशत आया था। उस वक्त दिल्ली सरकार ने 90 फीसदी का टारगेट रखा गया था।
Updated on:
12 Aug 2020 08:11 am
Published on:
11 Aug 2020 10:30 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
