24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Coronavirus Vaccine: ऐसे पांच लोगों को नहीं लगवानी चाहिए वैक्सीन! जानिए वजह

भारत समेत पूरी दुनिया में अब कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में कमी भारत में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की होने जा रही शुरुआत

3 min read
Google source verification
untitled_3.png

नई दिल्ली। भारत समेत पूरी दुनिया में अब कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है। इसके साथ ही कई देशों में कोरोना वैक्सीनेशन ( Corona vaccination ) की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका जैसी वैक्सीन कोरोना के खिलाफ जंग में काफी मदद मिल रही है। भारत में 16 जनवरी से राष्ट्रव्यापी कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत होने जा रही है। इसके लिए कोरोना वैक्सीन ( Coronavirus Vaccine )की पहली खेप मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के 13 राज्यों में पहुंच चुकी है। आपको बता दें कि भारत में कोरोना वायरस की दो वैक्सीन कोवीशील्ड (Covishield)और कोवैक्सीन (Covaxin) के आपात इस्तेमाल को मंजूरी मिल चुकी है।

सीरम इंस्टीट्यूट के Adar Poonawalla का बयान- बाजार में इस कीमत पर मिलेगी कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड

यूं तो कोरोना वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने इसके इस्तेमाल को लेकर सुरक्षा का दावा किया है। बावजूद इसके कुछ लोगों को सोच समझकर वैक्सीन लेने की सलाह दी जा रही है। ऐसे में जानते हैं किन लोगों को वैक्सीन लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेने और सावधानी बरतने की जरूरत है।

1. एलर्जी वाले लोग- अमरीका की सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention) की रिपोर्ट के अनुसार फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन के इस्तेमाल से कई लोगों में एलर्जी जैसी शिकायतें देखने को मिली हैं। यही वजह है कि CDC की एडवाइज है कि अगर किसी को वैक्सीन के इस्तेमाल से एलर्जी है तो उसे इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए। इसके साथ ही इंजेक्शन लेने के बाद एलर्जी का सामना करने वाले लोगों को भी वैक्सीन लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।

2. गर्भवती और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाएं— गर्भवती और बच्चों को दूध् पिलाने वाली महिलाओं को भी कोरोना की वैक्सीन न लगवाने की सलाह दी गई है। क्योंकि गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल से अलग रखा गया है इसलिए प्रेगनेंट महिलाओं में कोरोना वैक्सीन की सुरक्षा का कोई रिकॉर्ड नहीं है। यही वजह है कि गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगवाने से पहले डॉक्टरों की सलाह ले लेनी चाहिए।

CJI बोले- किसानों से मिलने के लिए PM से नहीं कह सकते, इन 10 बिंदुओं से समझिए कृषि कानूनों पर SC ने क्या कहा

3. कोरोना संक्रमित लोगों को- कोरोना पॉजिटिव लोगों को भी वैक्सीन लगवाने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए। दरअसल, क्लिनिकल ट्रायल में पाया गया कि कोरोना वैक्सीन ऐसे लोगों पर काफी सफल और सुरक्षित रही जो पहले संक्रमित हो चुके थे। सीडीसी की सलाह है कि कोरोना संक्रमित लोगों को रिकवर करने के बाद ही लोगों को वैक्सीन लगवानी चाहिए। इसके साथ ही एंटीबॉडी थेरेपी लेने वालों को तीन माह का समय बीतने के बाद ही वैक्सीन लेनी चाहिए।

4. इम्यूनो कॉम्प्रोमाइज्ड और एचआईवी मरीजों को— कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में संक्रामक बीमारियों केे चीफ डॉक्टर डीन ब्लमबर्ग के अनुसार इम्यूनो कॉम्प्रोमाइज्ड या एचआईवी मरीजों पर कोरोना वैक्सीन के असर का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। जबकि इन लोगों को कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है। इसलिए इन लोगों को भी कोरोना वैक्सीन लगाई जा सकती है। लेकिन इससे पहले उनको मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह ले लेनी चाहिए।

5. बच्चे- कोरोना वैक्सीन की अधिकांश दवाई 10 साल से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए बनाई गई हैं। इसलिए कोरोना वैक्सीन के दस साल से छोटे बच्चों पर असर का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। इस क्रम में मॉडर्ना वैक्सीन 18 साल, फाइजर वैक्सीन 16 साल, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन 12 साल और कोविशील्ड का 18 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को लगाई जा सकती है। यही वजह है कि बच्चों को कोरोना वैक्सीन लेने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग