देश में कोरोना से पैदा हुए बुरे हालात के बीच कोरोना वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। गुरुवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए ने इस परियोजना की व्यवहारिकता संबंधी अध्ययन के लिए आईसीएमआर और आईआईटी कानपुर को सशर्त मंजूरी दे दी।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी की नई लहर ने देश के हालात बुरे कर दिए हैं। सरकार को इन हालात को काबू में पाने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाने पड़ रहे हैं। वहीं, कई स्थानों पर कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के भी प्रभावित होने की जानकारियां सामने आई हैं जबकि कई स्थानों पर वैक्सीन की कमी पड़ गई है। हालांकि इस बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक ऐसी योजना के अध्ययन को सशर्त मंजूरी दी, जिसके जरिये कोरोना वैक्सीन को ड्रोन के जरिये डिलीवर किया जाएगा।
ताजा जानकारी के मुताबिक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने सरकार के सामने विचार रखा था कि कोरोना वैक्सीन की तेज और पुख्ता डिलीवरी के लिए ड्रोन (मानवरहित छोटे विमान या ड्रोन) का इस्तेमाल किया जा सकता है। ICMR ने इसके लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IIT Kanpur) के साथ काम करने की बात कही थी।
इस संबंध में गुरुवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा आईसीएमआर को आईआईटी कानपुर के साथ इसकी व्यवहारिकता के अध्ययन के लिए सशर्त छूट दे दी।
अब अगर आईआईटी कानपुर और आईसीएमआर का संयुक्त व्यववहारिकता अध्ययन अच्छा रहता है और इसे केंद्र सरकार पसंद करती है, तो इस परियोजना को मंजूरी दी जा सकती है। ड्रोन के जरिये कोरोना वैक्सीन की डिलीवरी से वक्त की बचत होने के साथ ही वैक्सीनेशन में तेजी लाई जा सकेगी।
आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों का कमाल