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COVID-19 Vaccination: 18 साल से ऊपर के लिए रजिस्ट्रेशन खुलते ही CoWin सर्वर क्रैश

देश में 18 साल से ऊपर की उम्र वाले व्यक्तियों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन का पंजीकरण कराने के लिए बुधवार शाम को कोविन ऐप/वेबसाइट के खुलते ही, उसपर एक साथ इतने यूजर्स आ गए कि सर्वर डाउन हो गया और यूजर्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

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cowin app

कोविन एप

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए आखिरकार बुधवार शाम 4 बजे कोरोना वायरस के टीकाकरण के लिए पंजीकरण खुल गया। हालांकि जैसे ही देशभर से इस आयुवर्ग के लोगों ने वैक्सीनेशन के रजिस्ट्रेशन के लिए लॉगिन की कोशिश की तो पता चला कि कोविन ऐप/वेबसाइट ( CoWIN APP ) के सर्वरों के साथ ही UMANG ऐप और आरोग्य सेतु ऐप भी क्रैश हो गया है।

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हालांकि, इसके बाद जल्द ही आरोग्य सेतु ऐप ने काम करना शुरू कर दिया। जबकि CoWIN ऐप के बजाय वेबसाइट ने यूजर्स को ठीक रिस्पॉन्स दिया।

सर्वर क्रैश होने के बाद यूजर्स ने इसकी शिकायत के लिए ट्विटर का सहारा लिया। इससे पहले यूजर्स ने यह भी शिकायत की थी कि उन्हें ऐप्स में लॉगिन करने के लिए जरूरी वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) प्राप्त नहीं हो रहा था।

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बता दें कि बुधवार की शुरुआत होने के साथ ही रात 12 बजे से देशभर के 18-45 आयु वर्ग के ढेर सारे यूजर्स ने कोविड टीकाकरण के लिए पंजीकरण कराने की कोशिश की। लोगों ने कोविन ऐप/वेबसाइटों पर अपनी डिटेल्स डालीं, लेकिन ओटीपी आने के बावजूद मैसेज यही दिखता रहा कि "वर्तमान में केवल 45 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों के लिए पंजीकरण की अनुमति है।"

गौरतलब है कि भारत सरकार ने घोषणा की थी कि 18-45 वर्ष के बीच टीकाकरण के लिए पंजीकरण 28 अप्रैल को सुबह 12 बजे CoWIN और Aarogya Setu ऐप के माध्यम से शुरू होगा। हालांकि, MyGov के लिए टेलीग्राम चैनल के माध्यम से, एक अपडेट भेजा गया था पंजीकरण बुधवार शाम 4 बजे से खुलेगा।

लोड बढ़ने पर कोविन सर्वर हुआ डाउन

बुधवार शाम 4 बजे कोविन सर्वर के क्रैश होने की बात पर तमाम लोगों को कोई हैरानी नहीं हुई। जानकारों की मानें तो सरकारी सर्वर एक ही वक्त में अधिक संख्या में कनेक्शन को संभालने के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए हैं। जब ढेर सारे लोग एक साथ एक ही वेबसाइट पर पहुंचने की कोशिश करते हैं, तो सर्वर पर अतिरिक्त बोझ पड़ जाता हैं और सर्वर उसे मिलने वाली रिक्वेस्ट को संभालने में विफल हो जाते हैं।

सरल शब्दों में कहें तो यह एक इमारत के अंदर एक साथ काफी ज्यादा तादाद में लोगों के अंदर घुसने की कोशिश करने की तरह है, जबकि इमारत का दरवाजा इतना छोटा होता है कि एक साथ दो ही व्यक्ति अंदर जा सकें। ऐसे वक्त में क्या हालात होते होंगे, आप समझ सकते हैं।

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ऐसा पहली बार नहीं है जब सरकार के नेतृत्व वाला कोई ऐप क्रैश हुआ है या सर्वर डाउन होने का सामना किया है। लंबे समय से भारतीय रेलवे के आईआरसीटीसी के बार-बार क्रैश होने की खबरें अक्सर सोशल मीडिया पर मीम्स बनाने के लिए जानी जाती हैं।