10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बच्चों पर ‘कोवोवैक्स’ के परीक्षण की सीरम को नहीं मंजूरी! जानिए क्या है पूरा मामला

सीरम ने 28 जून को DCGI के पास देशभर में 920 बच्चों पर कोवावैक्स का ट्रायल शुरू करने की मंजूरी के लिए आवेदन किया था

3 min read
Google source verification

image

Dheeraj Sharma

Jul 01, 2021

DCGI Pannel says Serum not allowed to trial Covovax on Children

DCGI Pannel says Serum not allowed to trial Covovax on Children

नई दिल्ली। इसी महीने से कोरोना वायरस ( Coronavirus )वैक्सीन कोवावैक्स ( Covovax ) का बच्चों पर ट्रायल शुरू करने की योजना बना रही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को इसकी अनुमति नहीं मिली है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकारी समिति ने सीरम इंस्‍टीट्यूट ( Serum Institue ) को 2-17 वर्ष की आयु के बच्चों पर कोवोवैक्स वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की इजाजत देने के खिलाफ सिफारिश की है।

सीरम ने 28 जून को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ( DCGI ) के पास देशभर में 920 बच्चों पर कोवावैक्स का ट्रायल शुरू करने की मंजूरी के लिए आवेदन किया था। लेकिन डीसीजीआई की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने इस आवेदन को खारिज कर दिया है।

यह भी पढ़ेंः भारत की यूरोपीय संघ को दो टूक, Covishield और Covaxin को करे स्वीकार, वरना होगी जवाबी कार्रवाई

कोरोना महामारी के बीच माना जा रहा है कि देश में तीसरी लहर आई तो इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ सकता है। ऐसे में बच्‍चों के लिए कोरोना वैक्‍सीन पर तेजी से काम चल रहा है। लेकिन सीरम को इस कदम में बड़ा झटका लगा है। सरकारी समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट को 2-17 आयु वर्ग के बच्चों पर कोवोवैक्स टीके के दूसरे या तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति देने के खिलाफ सिफारिश की है।

हालांकि, इस सिफारिश को माना जाएगा या नहीं ये कहना अभी मुश्किल है। ऐसा भी हो सकता है कि सरकारी समिति की आपत्तियों को दूर करने के लिए सीरम संस्‍थान को कहा जाए।

10 जगहों में 920 बच्चों पर होना था परीक्षण
पिछले वर्ष अगस्त के महीने में SII ने कोवावैक्स के भारत में उत्पादन, ट्रायल और वितरण को लेकर अमरीकी कंपनी नोवावैक्स से करार किया था।

कंपनी ने वैक्सीन का नाम NVX‑CoV2373 दिया है, जबकि भारत में इसे कोवावैक्स के नाम से जाना जाएगा।
वहीं सीरम को इस महीने से कुल 10 अलग-अलग जगहों में 920 बच्चों पर कोवावैक्स का परीक्षण करना था। यह परीक्षण 12 से 17 साल के 460 और इतने ही 2 से 11 साल की उम्र के बच्चों पर किया जाना था।

इसलिए नहीं मिली मंजूरी
दरअसल सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने ( SEC ) कोवावैक्स की बच्चों पर ट्रायल को मंजूरी ये कह कर नहीं दी कि अब तक किसी भी देश में कोवावैक्स को आपात इस्तेमाल की भी मंजूरी नहीं मिली है।

इसके साथ ही सीईसी ने सीरम को व्यस्कों के परीक्षण में वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता से जुड़े आंकड़े मुहैया कराने को भी कहा है।

कमेटी इन आंकड़ों की समीक्षा के बाद कंपनी को कोवावैक्स के बच्चों पर ट्रायल की इजाजत देने पर विचार करेगी।

देश में बच्चों पर दो वैक्सीनों का हो रहा ट्रायल
देश में मौजूदा समय में दो वैक्सीनों का बच्चों पर ट्रायल चल रहा है। इसमें पहले भारत बायोटेक की कोवैक्सीन है जबकि दूसरी जाइडस कैडिला की Zycov-D शामिल है। वहीं सीरम की कोवावैक्स को मंजूरी मिल जाती है तो ये देश की तीसरी वैक्सीन होगी जिसका बच्चों पर ट्रायल शुरू होगा।

यह भी पढ़ेँः ICMR और NIV ने कहा, कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट्स के खिलाफ लड़ सकती है इस वैक्सीन की बूस्टर डोज

वयस्कों पर 90 फीसदी कारगर कोवावैक्स
सीरम के कोवावैक्स वैक्सीन का ट्रायल इन दिनों वयस्कों पर चल रहा है। कंपनी का मानना है की सितंबर 2021 तक इसके इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाएगी। वहीं नोवावैक्स ने बीते महीने बताया था उसकी वैक्सीन ने अमरीका और मेक्सिको में हुए बड़े स्तर के ट्रायल में 90 फीसदी से अधिक प्रभावकारिता दिखाई है। यानी वैक्सीन 90 फीसदी से ज्यादा कारगर साबित हुई है।

'कोवावैक्स' की खासियत
कोवावैक्स वैक्सीन की बात करें तो कंपनी के मुताबिक इसकी खुराक लगने के बाद व्यक्ति वायरस के संपर्क में आता है तो वैक्सीन से बनी एंटीबॉडीज उसके स्पाइक प्रोटीन को लॉक कर देती है। इससे वायरस शरीर की कोशिकाओं में नहीं जा पाता और व्यक्ति संक्रमित होने से बच जाता है।

इसके अलावा कोवावैक्सीन को संरक्षित रखने के लिए बहुत कम तापमान की जरूरत नहीं होती। ऐसे में इसे दूर दराज के इलाकों में आसानी से पहुंचाया जा सकता है।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग