
Big Step towards Made in India Weapons
नई दिल्ली। आत्मनिर्भर भारत ( Atmanirbhar Bharat ) अभियान की दिशा में आगे बढ़ते हुए रक्षा मंत्रालय ( defence ministry ) ने भारत में निर्मित किए जा सकने वाले हथियारों ( Weapons ) के आयात पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव जारी किया है। मंगलवार 28 जुलाई को रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) में यह संशोधित मसौदे का सुझाव दिया गया, ताकि स्वदेशी ( made in India ) यानी भारत में हथियार बनाने ( Indian weapons ) की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा जा सके।
इस संबंध में रक्षा मंत्रालय ने कहा, "संशोधित दूसरा मसौदा रक्षा सुधारों के अनुरूप है, जिसे आत्मानिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में घोषित किया गया है और इसे सार्वजनिक क्षेत्र में रखा गया है।"
डीएपी रक्षा उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत को वैश्विक रक्षा विनिर्माण हब के रूप में विकसित करना है। मंत्रालय ने 10 अगस्त 2020 तक समस्त हितधारकों ( stake holders ) से इसके लिए टिप्पणियां मांगी हैं।
बिजनेस लाइन की एक रिपोर्ट के अनुसार इस ड्राफ्ट में बताया गया, "रक्षा मंत्रालय आयात के लिए प्रतिबंधित हथियारों/ प्लेटफार्मों की एक लिस्ट को अधिसूचित करेगा, जिसे समय-समय पर अपडेट किया जाएगा।" रक्षा मंत्रालय ने मेक इन इंडिया परियोजनाओं के लिए एक प्रमुख बजट तैयार किया है। इसमें घरेलू पूंजी खरीद के लिए प्रावधान किया जा रहा है। डीएपी का पहला मसौदा जिसे रक्षा खरीद प्रक्रिया कहा जाता था, इस साल 20 मार्च को जारी किया गया था।
एक बयान में रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसे 10,000 से अधिक पन्नों के पहले मसौदे में कई हितधारकों से सुझाव मिले। इन सुझावों का विश्लेषण करने और हितधारकों के साथ बैठक के बाद मंत्रालय ने संशोधित डीएपी जारी की।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक संशोधित डीएपी में चार नए अध्याय हैं। इनमें लीजिंग, सरलीकृत पूंजी व्यय प्रक्रिया; सिस्टम उत्पादों और आईसीटी प्रणालियों का अधिग्रहण; डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) से खरीद, डीपीएसयू (रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां) और ओएफबी (आयुध निर्माणी बोर्ड) से खरीद शामिल है।
रक्षा उत्पादन विभाग के मुताबिक 2020-21 में भारत का लक्ष्य 15,000 करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादों का निर्यात करना है। 1 अप्रैल से 23 जुलाई के बीच भारत 1,892 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों और प्लेटफॉर्मों का निर्यात करने में सक्षम रहा है। विभाग ने कहा कि 2019-20 और 2018-19 में भारत का रक्षा निर्यात क्रमशः 9,115 करोड़ रुपये और 8,320 करोड़ रुपये रहा था।
Updated on:
29 Jul 2020 10:50 pm
Published on:
29 Jul 2020 10:47 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
