script

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक्शन में केजरीवाल सरकार, राशन की डोर स्टेप डिलीवरी को मंजूरी

Published: Jul 06, 2018 12:45:17 pm

Submitted by:

Kiran Rautela

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को ‘राशन की डोर स्टेप डिलीवरी’ को मंजूरी दे दी है।

cm kejriwal

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक्शन में केजरीवाल सरकार, राशन की डोर स्टेप डिलीवरी को मंजूरी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से केजरीवाल सरकार हरकत में आ गई है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने ‘दिल्ली पर किसका राज’ मामले पर अपना अहम फैसला सुनाया। फैसले के बाद से आज केजरीवाल ने अपना पहला आदेश जारी कर दिया है। दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को राशन की डोर स्टेप डिलीवरी को मंजूरी दे दी है।
केजरीवाल ने LG को लिखा पत्र, अब हर मामले पर आपकी सहमति की जरूरत नहीं

बता दें कि राशन की डोर स्टेप डिलीवरी वाला मामला काफी समय से लंबित पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल सरकार ने एक्शन में आते हुए ये आदेश दे डाला।
सीएम केजरीवाल ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा, राशन की डोर स्टेप डिलीवरी को मंजूरी दे दी गई है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए और इसमें अभी तक जितनी भी रुकावटें आ रही थीं उन्हें भी दूर कर दिया गया है।
https://twitter.com/ArvindKejriwal/status/1015106824981368832?ref_src=twsrc%5Etfw
साथ ही सीएम ने खाद्य विभाग को यह भी आदेश दिया है कि रोजमर्रा की गतिविधियों के बारे में उन्हें बराबार जानकारी देता रहे। जानकारी है कि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस मामले से संबंधित सभी फाइलों को रोक रखा था। केजरीवाल ने अपने आदेश में इस योजना पर उठाए गए उपराज्यपाल बैजल के सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया है। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस योजना पर सवाल उठाए थे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में चुनी हुई सरकार फैसला लेगी और उपराज्यपाल कैबिनेट के फैसले से बाध्य होंगे। वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बैजल को पत्र लिखकर कहा कि एससी के फैसले के बाद अब किसी भी मामले में एलजी की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी।
गौरतलब है कि दिल्ली में काफी समय से आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल तनातनी चल रही थी। जिस पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया और कहा उपराज्यपाल दिल्ली में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, एलजी को कैबिनेट की सलाह के अनुसार ही काम करना पड़ेगा। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना मुमकिन नहीं है।

ट्रेंडिंग वीडियो