Lockdown 4.0: महाराष्ट्र में सिर्फ तीन जिलों को छोड़ पूरे राज्य में शराब की होम डिलीवरी e-coupon धारकों को नहीं दिया जा रहा था राशन जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील कमलेश कुमार मिश्रा ने कहा कि- दिल्ली में खासकर सुल्तानपुरी इलाके में ई-कूपन धारकों को राशन नहीं दिया जा रहा है। इस पर दिल्ली सरकार ने दलील दी कि एक हफ्ते के अंदर ई-कूपन वालों को राशन दे वितरित करवा दिया जाएगा, लेकिन हाईकोर्ट दिल्ली सरकार की इस दलील से संतुष्ट नहीं हुआ।
पालन ना करने पर होगी कार्रवाई! पीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि वह वीरवार शाम तक ई-कूपन धारकों को राशन वितरित करवाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर इस आदेश का पालन नहीं किया गया तो अदालत की अवमानना की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
शराब तस्करी पर प्रशासन सख्त, शिकायत के लिए जारी किया व्हाट्सएप नंबर दिल्ली सरकार को फटकार इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को सभी जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध ना करवाने पर फटकार लाई। अदालत ने कहा- लॉकडाउन के दौरान सभी जरूरतमंदों को राशन मुहैय्या करवाने के निर्देशों का पूरी तरह पालन क्यों नहीं किया गया? पीठ ने इस मामले में दिल्ली के खाद्य एवं संभरण आयुक्त को तलब करके विस्तृत जानकारी के लिए कहा है। आयुक्त को हलफनामा देने का आदेश दिया है, जिसमें यह बताया जाए कि- सरकार ने किस तरह अदालत के आदेशों का पालन किया।
ड्यूटी के समय में ही खुलती हैं राशन दुकानें लॉकडाउन के दौरान बेआसरा लोगों का पेट भरने को लेकर गैर सरकारी संस्था दिल्ली रोजी-रोटी अधिकार अभियान की ओर से एक याचिका दायर की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया कि जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें राशन नहीं मिल रहा है। इसमें यह आरोप भी लगाया गया है कि सरकार की ओर से ई-कूपन देने की सुविधा का लोग लाभ नहीं उठा पा रहे, क्यों उनके पास स्मार्ट फोन और इंटरनेट की सुविधा नहीं है। एक और खास बात कही गई कि ड्यूटी के समय में राशन की दुकानें बंद रहती हैं, जिससे लोगों को राशन के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
डेस्क लगाकर राशन देने की मांग याचिका में मांग की गई कि लोगों की ई-कूपन सिस्टम के बजाए राशन की दुकानों पर डेस्क लगाकर लोगों को उनके आईडी के आधार पर कूपन दिए जाएं, ताकि सबको बिना परेशानी के राशन उपलब्ध हो सके।