16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हाईकोर्ट से दिल्ली के मंत्री इमरान हुसैन को मिली राहत, ऑक्सीजन सिलेंडर जमाखोरी मामले को किया खारिज

हाईकोर्ट से राहत म‍िलने के बाद इमरान हुसैन ने ट्वीट कर कहा क‍ि वे ऑक्सीजन का मुफ्त वितरण कर अपने क्षेत्रवासियों की सेवा करने में लगे थे।

2 min read
Google source verification
imran hussian

imran hussian

नई दिल्ली। ऑक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी के मामले को लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। उन्हें क्लीन चिट मिल गई है। उन पर आरोप था कि उन्होंने दिल्ली सरकार के कोटे का ऑक्सीजन सिलेंडर और गैस अपने विधानसभा में बांटा था। मगर ये आरोप दिल्ली हाईकोर्ट में गलत साबित हुए। इसके बाद इमरान के खिलाफ चल रहे केस को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।

Read More: कोरोना संकट के बीच डिप्टी सीएम के सोशल मीडिया पर 6 करोड़ रुपए खर्च करेगी महाराष्ट्र सरकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अगर नियमों या कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है तो इमरान हुसैन अपना काम जारी रख सकते हैं। दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट के सामने तथ्य रखे कि इमरान हुसैन को दिल्ली के कोटे से कोई ऑक्सीजन नहीं दी गई। इसके साथ ना ही कोई रिफिलर, जिससे वह ऑक्सीजन भरवा सकें।

मुझ पर झूठे आरोप लगाए

हाईकोर्ट से राहत म‍िलने के बाद इमरान हुसैन ने ट्वीट कर कहा क‍ि वे ऑक्सीजन का मुफ्त वितरण कर अपने क्षेत्रवासियों की सेवा करने में लगे थे। मगर कुछ लोगों को ये पसंद नहीं आया। उन्होंने मुझ पर झूठे आरोप लगाए। आज माननीय न्यायालय ने मुझे बरी कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे इसी तरह से जनता की सेवा करते रहेंगे। आप नेता इमरान हुसैन ने दस ऑक्सीजन सिलेंडर किराए पर लिए थे। इसके दस्तावेज भी दिल्ली हाईकोर्ट के सामने रखे। विधायक इमरान हुसैन ने ऑक्सीजन रिफिल की रसीदें कोर्ट भी पेश कीं।

Read more: कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच अंतराल बढ़ाने की मांग, 12-16 हफ्तों का हो गैप

फरीदाबाद से रीफिल कराए थे सिलिंडर

इमरान हुसैन की तरफ से वकील विकास पाहवा सुनवाई में पेश हुए थे। उनकी तरफ से सफाई दी गई थी कि विधायक ने 10 सिलिंडर किराए पर लिए थे। इसके बाद इसे फरीदाबाद से रीफिल कराया गया था। इन्हें जरूरतमंद लोगों को ही दिया गया। हुसैन के वकील के अनुसार उनके पास सबकी रसीदे हैं। पांच से सात दिनों के लिए लोगों के लिए यह व्यवस्था की गई थी।