scriptदिल्ली हाईकोर्ट का डिजिटल मीडिया के लिए नए आईटी नियमों पर रोक से इनकार | Delhi High Court refuses to stay new IT rules for digital media | Patrika News

दिल्ली हाईकोर्ट का डिजिटल मीडिया के लिए नए आईटी नियमों पर रोक से इनकार

locationनई दिल्लीPublished: Jun 28, 2021 08:56:28 pm

Submitted by:

Anil Kumar

दिल्ली उच्च न्यायालय ने नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ताओं को कोई अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं है।

delhi-high-court.jpg

Delhi High Court refuses to stay new IT rules for digital media

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए नए आईटी नियमों को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ विवाद बढ़ता जा रहा है। वहीं तमाम डिजिटल न्यूज मीडिया भी इसको लेकर आपत्ति जता रहे हैं।

अब इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से एक अहम फैसला सुनाया गया है। दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ताओं को कोई अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं है।

यह भी पढ़ें
-

धर्मेंद्र चतुर के इस्तीफे के बाद जेरेमी केसल बने Twitter India के नए शिकायत अधिकारी

फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म, द वायर, क्विंट डिजिटल मीडिया लिमिटेड और प्रावदा मीडिया फाउंडेशन, ऑल्ट न्यूज की मूल कंपनी, ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम, 2021 पर रोक लगाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि नियमों का पालन करने के लिए उन्हें एक नया नोटिस जारी किया गया था, अन्यथा दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

https://www.dailymotion.com/embed/video/x82ay08

कोर्ट ने जताई असहमति

न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि मामला एक नियमित खंडपीठ के समक्ष लंबित है और उन्हें केवल अधिसूचना के कार्यान्वयन के लिए नोटिस जारी किया गया था, जिस पर कोई रोक नहीं थी। न्यायमूर्ति शंकर ने कहा, “वे केवल अधिसूचना को लागू कर रहे हैं। आपने केवल यह मामला बनाया है कि उन्हें जबरदस्ती कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी। यह आपका मामला नहीं है कि कार्यान्वयन नियमों के खिलाफ है।”

यह भी पढ़ें
-

Twitter की बड़ी गलती, भारत के नक्शे से जम्मू-कश्मीर को किया बाहर, लद्दाख को बताया चीन का हिस्सा

पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील से कहा, “हम आपके साथ सहमत नहीं हैं। यदि आप चाहते हैं, तो हम एक विस्तृत आदेश पारित करेंगे या यदि आप चाहें, तो हम रोस्टर बेंच के समक्ष इसे फिर से अधिसूचित कर सकते हैं।” पीठ ने वकील से मामले में निर्देश लेने और इसकी जानकारी देने को कहा है।

सात जुलाई को होगी अगली सुनवाई

समाचार पोर्टलों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नित्या रामकृष्णन ने निर्देश लेने के बाद अदालत से छुट्टियों के बाद अदालतों को फिर से खोलने पर मामले को सूचीबद्ध करने का आग्रह किया। संशोधित आईटी नियमों के अनुसार, स्ट्रीमिंग कंपनियों और सोशल मीडिया को विवादास्पद सामग्री को हटाने, शिकायत निवारण अधिकारियों को नियुक्त करने और जांच में सहायता करने के लिए अनिवार्य है। हाईकोर्ट ने रोस्टर बेंच के समक्ष आवेदनों को 7 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

https://www.dailymotion.com/embed/video/x82atjt
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो