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दिल्ली : ओला ड्राइवर ने पहले सर्विस ली, फिर रास्ते में उतारा, कहा- रोजे में हूं आगे नहीं जाऊंगा

ओला कैब ड्राइवर ने पहले तो सर्विस ली फिर रोजे का बहाना कर के ग्राहक को बीच रास्ते में ही उतार दिया।

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नई दिल्ली। ओला कैब ड्राइवर की ओर से ग्राहको को परेशान करने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। अभी कुछ दिन पहले ही ख़बर आई थी कि एक ओला ड्राइवर ने सर्विस लेने के बाद दिल्ली की जामा मस्जीद जाने से इनकार कर दिया था। वहीं, ऐसा ही एक और हैरान करने वाला मामला दिल्ली के कनॉड प्लेस से सामने आया है। यहां एक व्यक्ति को ओला कैब ड्राइवर ने सिर्फ यह कहते हुए गाड़ी से नीचे उतार दिया कि वह रोजे में है और आगे नहीं जाएगा।

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क्या है मामला?

बता दें कि यह मामला 9 जून यानी 12 दिन पहले रमजान के समय का है। नोएडा की एक ट्रैवल कंपनी में काम करने वाले 34 साल के कमल कुमार सिंह ने 500 रुपए के कूपन के जरिए ओला कैब राजीव चैक से द्वारका मोर के लिए बुक की थी। ड्राइवर ने कमल से ओटीपी नंबर मांगा फिर कैब में बैठाकर राजीव चैंक के आस-पास घुताता रहा। कुछ देर बार कैब ड्राइवर ने कमल को यह कहते हुए कैब से उतर जाने को कहा कि वे आगे नहीं जा सकता।

500 रुपए के ओला कूपन से बुक की थी कैब

ड्राइवर की बात सुनकर कमल हैरत में पड़ गए। उन्होंन ड्राइवर से ना जाने की वजह पूछी तो उसने जवाब में कहा कि- मैं रोजे से हूं और आगे नहीं जाऊंगा। ड्राइवर की ये बात सुनकर कमल को गुस्सा आया लेकिन अपने गुस्से का शांत करते हुए उन्होंने ड्राइवर से कहा कि जब जाना नहीं था तो सर्विस क्यों ली, ओटीपी नंबर क्यों मांगा? लेकिन ड्राइवर ने कमल की एक न सुनी और उसे कैब से उतार दिया।

शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं

कमल के अनुसार उस समय तो वह कैब से उतर गया और जैसे-तैसे घर पहुंचा। लेकिन घर जाने के बाद उन्होंने इस असुविधा के लिए ओला कंपनी से शिकायत की। कई बार ट्वीट किया। उन्होंने बताया कि कई बार ट्वीट करने के बाद भी ओला कंपनी की तरफ से बस एक ही जवाब आता है कि आपकी परेशानी का समाधान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस घटना को हुए 12 दिन बीत गए हैं, लेकिन ओला कंपनी की तरफ से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

हिन्दू होने की मिली सजा

कमल की मानें तो उन्हें हिंदू होने की सजा मिली है, क्योंकि कैब ड्राइवर मुस्लिम था। अगर वे हिन्दू नहीं होते तो शायद उनके साथ ऐसा नहीं होता। उनका कहना है कि ओला की ऐसी सर्विस का खामियाजा हम जैसे आम इनसान को झेलना पड़ता है। और वे अच्छी सेवाओं का दमभरत रहते है।


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