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टूलकिट बनाने वाले का IP एड्रेस पता लगाने के लिए दिल्ली पुलिस ले रही गूगल की मदद, खुलेंगे कई राज

दिल्ली पुलिस का मानना है कि राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा पहले से ही तय थी। इनकी जांच के लिए गूगल से संपर्क कर रही है दिल्ली पुलिस IP एड्रेस का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जहां से ये ‘टूलकिट डॉक्यूमेंट (Toolkit)’ अपलोड हुए हैं

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Vivhav Shukla

Feb 05, 2021

Delhi Police to seek IP details from Google on authors of 'Toolkit'

Delhi Police to seek IP details from Google on authors of 'Toolkit'

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी की हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस एक्शन मोड में आ गई है। पुलिस इस मामले में लगभग 300 सोशल मीडिया हैंडल की जांच कर रही है। इन हैंडल पर किसान आंदोलन के नाम पर भारत सरकार के खिलाफ लगातार ट्वीट किए जा रहे हैं।

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लगाया जा रहा IP एड्रेस का पता

दिल्ली पुलिस का मानना है कि राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा पहले से ही तय थी। इसलिए इनकी जांच के लिए गूगल से संपर्क किया जा रहा है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, हम अब उस IP एड्रेस का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जहां से ये ‘टूलकिट डॉक्यूमेंट (Toolkit)’ अपलोड हुए हैं।

उन्होंने बताया, ‘इस ‘टूलकिट’ को बनाने वालों का मकसद सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच असहमति पैदा करना और भारत सरकार के खिलाफ असहमति और अंसतोष को प्रोत्साहित करना है।इन लोगों का मकसद भारत के खिलाफ सामाजिक सांस्कृतिक और आर्थिक लड़ाई को बढ़ाना भी है।’

खालिस्तानी संगठन की साजिश

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुशाल, दिल्ली पुलिस को शुरुआती जांच से पता चला है कि यह ‘टूलकिट’ को ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने बनाया है। जो एक खालिस्तानी संगठन है। ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ के कई ग्रुप भी बनाए गए हैं। जो सोशल मीडिया पर लोगों को भारत सरकार विरोधी माहौल बनाने का काम कर रहे हैं।

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‘टूलकिट’ की जांच जरूरी

दिल्ली पुलिस के अनुसार, गणतंत्र दिवस की हिंसा के के बाद भी सोशल मीडिया पर जो घटनाएं हो रही हैं उसका भी संबंध इस ‘टूलकिट’ से जुड़ा हुआ है। ये देश को बदनाम करने के लिए एक ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ है।हालांकि इस मामले में पुलिस ने किसी के नाम पर FIR नहीं दर्ज किया है। साइबर सेल इस मामले की जांच कर रहा है।

बता दें दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को ग्रेटा थनबर्ग पर किसान आंदोलन से जुड़ा ‘टूलकिट’ शेयर करने के मामले में FIR दर्ज किया था।हालांकि बाद में पुलिस ने बताया था कि ये FIR केवल उन लोगों के खिलाफ है जिन्होंने टूलकिट बनाया है।