
नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार रात से ही बिना ठंड पूरे दिल्ली-एनसीआर में पीली धुंध छाई हुई है। लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और आंखों में जलन महसूस की जा रही है। इसी को देखते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बुधवार को दिल्ली के सभी प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 5 तक) बंद रहेंगे।
दिल्ली-यूपी और हरियाणा सरकार को फटकार
वहीं इससे पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने दिल्ली एनसीआर में हवा की बेहद खराब गुणवत्ता के लिए दिल्ली, यूपी और हरियाणा सरकार को फटकार लगाई । एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने इन राज्यों से पूछा कि आज की आपात स्थिति से निपटने के लिए आपने कौन-कौन से कदम उठाए हैं । एनजीटी ने 9 नवंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया है । एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि वो ये बताए कि उसने अपने अधिकारों क इस्तेमाल करते हुए क्या आपात निर्देश जारी किए ।
एक साल में पलारी जलाने की 14432 घटनाएं
बता दे कि पिछले 30 अक्टूबर को एनजीटी के समक्ष पंजाब सरकार ने कहा था कि फसलों के अपशिष्ट जलाने की घटनाओं में इस साल पिछले साल के मुकाबले कमी आई है। पिछले साल के मुकाबले इस साल तीस फीसदी कमी आई है। पिछले साल 22269 फसलों के अपशिष्ट जलाने की घटनाएं हुईं जबकि इस साल 14432 घटनाएं हुईं।
NGT ने कहा- एक्शन प्लान दिखाइए
एनजीटी ने पंजाब सरकार से कहा था कि आप कम से कम एक जिले के लिए एक्शन प्लान लेकर आइए, लेकिन आपने उसके बारे में क्या किया । क्या आप एक भी वैसे किसान को हमारे सामने पेश कर सकते हैं जिन्हें इंसेंटिव और इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराए गए ।
पलारी जलाने पर लगे जुर्माना
एनजीटी ने पूछा था कि आज तक क्या आपने एक भी किसान को इंसेंटिव दिया है । आप पूरे पटियाला जिले को एक प्रोजेक्ट के रुप में क्यों नहीं ले रहे हैं । आप किसानों को समय दीजिए और साथ-साथ खेती की प्रक्रिया के लिए व्यवस्था कीजिए । आप पूरी प्रक्रिया में काफी देर कर किसानों को हवा में नहीं लटका सकते हैं । एनजीटी ने कहा कि सीमांत किसानों को पर्यावरण का ख्याल रखने के लिए नहीं कहा जा सकता है क्योंकि वे वित्तीय संकट से दो चार हो रहे होते हैं। इस पर पंजाब सरकार ने कहा कि वे पटियाला जिले की नाभा तहसील के कलार माजरी गांव में 390 एकड़ जमीन पर प्रोजेक्ट शुरु किया है । वहां एनजीटी के आदेशों को लागू करने और किसानों को जागरुक किया जा रहा है ।एनजीटी ने आदेश दिया था कि फसलों के अपशिष्ट जलाने पर दो एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को ढाई हजार रुपये, दो से पांच एकड़ जमीन वाले किसानों को पांच हजार रुपये और पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वालों को 15 हजार रुपये मुआवजा वसूला जाए ।
Published on:
07 Nov 2017 09:16 pm
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