
उत्तर पूर्वी दिल्ली में पिछले चार दिनों से फैली हिंसा के कारण ज्यादातर इलाकों में दहशत का माहौल है। लोग अब भी घरों से निकलने में डर रहे हैं। सीलमपुर, जाफराबाद, मौजपुर, कबीरनगर, विजयपार्क आदि इलाकों में लोग काम धंधों पर जाना बंद कर चुके हैं। अभी भी स्थिति तनावपूर्ण मगर नियंत्रण में है। दिल्ली पुलिस का दावा है कि स्थिति पर काबू पा लिया गया है। आज पुलिस और सुरक्षा बलों ने कई इलाकों में फ्लैग मार्च किया है।
पूरी रात करते हैं घरों की रखवाली
कई दुकानों में हुई लूट के कारण लोग अब अपनी दुकानें और घर बचाने के लिए रातों को जगने को मजबूर हैं। विजय पार्क में रहने वाले विजेंद्र कुमार के अनुसार- "सोमवार की रात मोहल्ले में उपद्रवियों के हमले के बाद से लोगों में डर और दहशत का माहौल है। हम मारकाट नहीं चाहते, लेकिन रात-रात भर जागकर डंडा लेकर घरों की रखवाली करने को मजबूर हो गए हैं। क्योंकि कब कौन आकर के घरों और दुकानों पर हमला कर दे कुछ कहा नहीं जा सकता। डंडे थामकर हम भले ही उपद्रवी की तरह दिखते हों, सच पूछिए तो हमारे लिए मजबूरी हो गई है डंडे थामना... अपना सिर्फ घर बचाना चाहते हैं।"
दुकानें बंद करने को मजबूर
मोहल्ले के ही राहुल के अनुसार- वो कॉल सेंटर में जॉब करते हैं। नाइट ड्यूटी करते हैं। लेकिन डर के मारे जाना बंद कर चुके हैं। अपने बॉस को मेल कर घर से ही काम करने की इजाजत मांग चुके हैं। जाफराबाद के इरशाद हिंसा के कारण रोजी रोटी पर असर पड़ने की बात कहते हैं। जूस की दुकान चलाने वाले इरशाद ने कहा कि रविवार से ही उनकी दुकान बंद चल रही है। हर रोज कम से कम वह हजार रुपए कमा लेते थे, मगर यह मामूली सी कमाई भी अब नहीं हो रही है दुकान में ताला डालना मजबूरी हो गई। हमारे जैसे तमाम दुकानदारों का भी यही हाल है।
राहगीरों ने छोड़ा सीलमपुर-जाफराबाद रोड
सीलमपुर रेड लाइट पर दो दर्जन से अधिक दुकानें हैं लेकिन इसमें सिर्फ एक दुकान खुली है चाय और पकौड़ों की। चाय पकौड़ों की दुकान पर भी खरीददारों की संख्या बड़ी कम है। आज के लिए मीडियाकर्मी इस दुकान के लिए कस्टमर बने हैं। दुकानदार का कहना है कि तनाव पैदा होने के बाद से राहगीरों ने सीलमपुर से जाफराबाद मौजपुर वाले रोड पर आना जाना कम कर दिया है।
Updated on:
26 Feb 2020 03:08 pm
Published on:
26 Feb 2020 02:21 pm
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