scriptपत्नी की हिम्मत ने बचाई पति की जान, ब्लड ग्रुप नहीं मिले फिर भी सफल हुआ किडनी ट्रांसप्लांट | Different Blood Group Transplant: Brave Wife saves husband's life | Patrika News
विविध भारत

पत्नी की हिम्मत ने बचाई पति की जान, ब्लड ग्रुप नहीं मिले फिर भी सफल हुआ किडनी ट्रांसप्लांट

पति-पत्नी का ब्लड ग्रुप अलग-अलग है फिर भी उन्होंने हिम्मत रखी और डॉक्टर की सलाह पर किडनी दे दी। फिलहाल सफल प्रत्यारोपण की बदौलत दोनों स्वस्थ हैं।

Jun 10, 2018 / 08:14 pm

प्रीतीश गुप्ता

kidney transplant

पत्नी की हिम्मत ने बचाई पति की जान, ब्लड ग्रुप नहीं मिले फिर भी सफल हुआ किडनी ट्रांसप्लांट

बेंगलूरु। किडनी की समस्या से जूझ रहे 32 साल के ज्योतिष प्रीतम पाई के लिए उनकी 26 साल की पत्नी हेमा केवी ने अद्भुत मिसाल पेश की। बेंगलूरु के रहने वाले इस दंपती के लिए पिछला एक साल बेहद मुसीबतों भरा रहा। प्रीतम की किडनी फेल हो गई थी जिसके चलते लगातार डायलिसिस करवाना पड़ रहा था। ऐसे में हेमा ने किडनी देने का फैसला किया। खास बात यह है कि पति-पत्नी का ब्लड ग्रुप अलग-अलग है फिर भी उन्होंने हिम्मत रखी और डॉक्टर की सलाह पर किडनी दे दी। फिलहाल सफल प्रत्यारोपण की बदौलत दोनों स्वस्थ हैं।
प्रीतम का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव, हेमा का बी पॉजिटिव

प्रीतम ने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रखा था, लेकिन नंबर एक हजार लोगों के बाद था। ऊपर से उनका ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव था जिसके चलते किडनी मिल पाना और मुश्किल हो रहा था। उनके परिवार में किडनी डोनर ना होने के चलते मुसीबत बढ़ गई थी। ऐसे में हेमा ने आगे आने का फैसला किया। हेमा का ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव था। आमतौर पर किडनी प्रत्यारोपण से पहले ब्लड ग्रुप मैच किया जाता है। हालांकि अलग-अलग ब्लड ग्रुप के बावजूद किडनी प्रत्यारोपण का यह पहला मामला नहीं हैं।
सिविल सेवा परीक्षा पास किए बिना भी बन सकेंगे IAS अधिकारी, ऐसे मिलेगा मौका

…तीन दिन पहले से तैयारी, ऐसे हुआ प्रत्यारोपण

प्रत्यारोपण से पहले आई इस समस्या के बाद हेमा ने इंटरनेट से जानकारी जुटाई। इंटरनेट पर उन्होंने एबीओ असंगत प्रत्यारोपण के बारे में जानकारी मिली, इस व्यवस्था में ब्लड ग्रुप मैच ना होने पर भी किडनी प्रत्यारोपित की जा सकती है। हालांकि अलग-अलग ब्लड ग्रुप होने के चलते एंटी बॉडी रिजेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है और प्रत्यारोपण असफल होने का खतरा भी बढ़ जाता है इसलिए एंटी बॉडी लेवल कम किया गया। ऐसे में डीसेंसिटाइजेशन जैसी खतरनाक प्रक्रिया को अंजाम दिया गया।

Hindi News / Miscellenous India / पत्नी की हिम्मत ने बचाई पति की जान, ब्लड ग्रुप नहीं मिले फिर भी सफल हुआ किडनी ट्रांसप्लांट

ट्रेंडिंग वीडियो