
आईएमए की मांग डॉक्टरों के लिए बने कानून
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) का खतरा लगातार बढ़ रहा है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ डॉक्टर ( Doctor ) भी दिन राज जुटे हुए हैं। बावजूद इसके देश के कई इलाकों में डॉक्टरों पर हमले या फिर उनके साथ हिंसक घटनाएं हो रही हैं।
ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ( IMA ) ने केंद्र सरकार से हिंसा के खिलाफ कानून बनाए जाने की मांग की है। इतना ही नहीं कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे डॉक्टर कल यानी बुधवार को अपने अधिकार के लिए सांकेतिक रूप से विरोध प्रदर्शन करेंगे।
देशभर के डॉक्टर सरकार से अपने खिलाफ होने वाली हिंसा पर केंद्रीय कानून की मांग कर रहे है। अभी तक अलग से कानून नहीं बनाया गया है। इसके खिलाफ देशभर के डॉक्टर मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
जारी किया व्हाइट अलर्ट
अपने ऊपर हो रहे हमलों को लेकर अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आर-पार के मूड में है। यही वजह है कि आईएमए ने सरकार को व्हाइट अलर्ट भी जारी किया है। इस अलर्ट के तहत डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे।
बुधवार को देश भर के डॉक्टर और अस्पतालों में मोमबत्ती जलाकर ( Candle lit ) हो रहे हमलों और हिंसक घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन करेंगे।
23 अप्रैल काला दिवस
इतना ही नहीं आईएमए ने हिंसक घटनाओं से तंग आकर 23 अप्रैल को काला दिवस घोषित किया है। गुरुवार को सभी चिकित्सक काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे।
मोमबत्ती जलाकर और काला बिल्ला लगाकर राष्ट्र को सावधान करने की कोशिश की जा रही है ताकि सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति गंभीर हो और इसके लिए ठोस कानून लागू करें।
ये है IMA की मांग
उनकी मांग है कि डॉक्टरों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए विशेष केंद्रीय कानून बनाया जाए।
Published on:
21 Apr 2020 02:28 pm
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