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DRDO की एंटी-कोविड ड्रग 2-DG जून से देश के सभी अस्पतालों में होगी उपलब्ध

DRDO की एंटी-कोविड ड्रग 2-DG फिलहाल AIIMS, सशस्त्र बल अस्पतालों, डीआरडीओ की अस्पतालों व जहां इनकी जरुरत हो वहां उपलब्ध होगी। हालांकि, डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने कहा कि जून के पहले सप्ताह से यह दवा देशभर के सभी अस्पतालों में उपलब्ध करा दी जाएगी।

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DRDO anti-COVID drug 2-DG will be available to hospitals across country from June

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच टीकाकरण अभियान को तेजी से आगे बढ़ाने पर सरकार जोर दे रही है। इसी कड़ी में अब रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित एंटी कोविड ड्रग 2-DG को मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लॉंच किया।

माना जा रहा है DRDO की यह दवा कोरोना के खिलाफ लडा़ई में एक गेम चेंजर साबित होगी। मौजूदा समय में भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए दो स्वदेशी वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन का टीका दिया जा रहा है। वहीं पिछले सप्ताह रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी का टीका लगाने की शुरुआत की गई है।

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अब DRDO की 2-DG दवा लॉंच होने के बाद कोरोना के खिलाफ अधिक तत्परता और तेजी के साथ लड़ा जा सकता है। जानकारी के अनुसार, DRDO की एंटी-कोविड ड्रग 2-DG फिलहाल AIIMS, सशस्त्र बल अस्पतालों, डीआरडीओ की अस्पतालों व जहां इनकी जरुरत हो वहां उपलब्ध होगी। हालांकि, डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने कहा कि जून के पहले सप्ताह से यह दवा देशभर के सभी अस्पतालों में उपलब्ध करा दी जाएगी।

जून से देशभर के सभी अस्पतालों में होगी उपलब्ध

सतीश रेड्डी ने मीडिया से बात करते हुए कहा "एंटी-सीओवीआईडी ड्रग 2-डीजी के पहले बैच का सीमित तरीके से उपयोग किया जाएगा। इसका उपयोग AIIMS, सशस्त्र बलों के अस्पतालों, डीआरडीओ अस्पतालों और किसी भी अन्य स्थानों पर किया जाएगा जहां आवश्यकता होगी। जून से इस दवा को देशभर के सभी अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा।”

डीआरडीओ प्रमुख ने आगे कहा कि इस दवा का उत्पादन चल रहा है और इसका दूसरा बैच मई के अंतिम सप्ताह के आसपास आ जाएगा। 2-DG का नियमित उत्पादन जून के पहले सप्ताह से शुरू होगा। उन्होंने यह भी कहा कि दूसरे बैच में दवा की उत्पादन अवधि बढ़ाई जाएगी और जून के पहले सप्ताह से इसे देश के सभी अस्पतालों और अन्य चिकित्सा सुविधाओं के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

डीआरडीओ प्रमुख सतीश रेड्डी ने आगे कहा "ऐसा इसलिए है क्योंकि उत्पादन का समय और इसका चक्र लगभग एक महीने का है। भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) से अनुमोदन के बाद इस दवा के उत्पादन को लेकर उद्योग वास्तव में कड़ी मेहनत कर रहा है लेकिन सामान्य उत्पादन क्षमता तक पहुंचने में एक महीने लगेंगे।"

इस तरह से असरदार है ये दवा

कोरोना संक्रमण के खिलाफ DRDO की यह दवा किस तरह से असरदार है, इस संबंध में सतीश रेड्डी ने जानकारी दी। उन्होंने बताया "वैक्सीन सीधे COVID से संक्रमित कोशिकाओं पर काम करती है और उनमें अवशोषित हो जाती है। यह फिर वायरस को गुणा करने यानी बढ़ाने और अन्य स्वस्थ कोशिकाओं में जाने से रोकता है। यह प्रतिरक्षा पर भी काम करता है। यह मरीज के इम्यून सिस्टम पर भी काम करता है ताकि व्यक्ति तेजी से ठीक हो सके।"

जहां तक इस दवा के खुराक का संबंध है, व्यक्ति को लगभग पांच से सात दिनों तक दिन में दो बार इसकी डोज लेने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति के वजन और डॉक्टर के परामर्श पर भी निर्भर करता है।

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आपको बता दें कि कोरोना महामारी के पहले फेज के दौरान इससे लड़ाई के खिलाफ तैयारियों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी संस्थाओं से अपील की थी। पीएम के आह्वान का अनुसरण करते हुए, DRDO ने 2-DG के एक COVID-विरोधी चिकित्सीय अनुप्रयोग को विकसित करने की पहल की। अप्रैल 2020 में महामारी की पहली लहर के दौरान INMAS-DRDO के वैज्ञानिकों ने हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) की मदद से प्रयोग शुरु किए और पाया कि यह अणु SARS-CoV-2 वायरस के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम करता है और वायरस के विकास को रोकता है।

2-DG दवा पाउच में पाउडर के रूप में आती है, जिसे पानी में घोलकर मौखिक रूप से लिया जाता है। यह वायरस से संक्रमित कोशिकाओं में जमा हो जाता है और वायरल संश्लेषण और ऊर्जा उत्पादन को रोककर वायरस के विकास को रोकता है। वायरल से संक्रमित कोशिकाओं में इसका चयनात्मक संचय इस दवा को अद्वितीय बनाता है।

रक्षामंत्री ने लॉंच की एंटी कोवेिड 2-DG दवा

आपको बता दें कि सोमवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ की एंटी-कोविड दवा 2DG को लॉंच किया। DRDO ने यह दवा डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के सहयोग से विकसित किया है। DCGI ने इस दवा को पहले ही मंजूरी दे दी है।

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रक्षामंत्री ने इस दवा की पहली खेप को लॉंच किया, जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एम्स और डीजीएएफएमएस को सौंपा। डीआरडीओ प्रमुख ने कहा कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित एंटी-कोविड ड्रग 2-डीजी के पहले बैच को जारी करने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को दवा को आशा की एक नई किरण करार दिया और कहा कि यह भारत के वैज्ञानिक का एक बड़ा उदाहरण है।