
डीयू के वीसी दफ्तर में शिक्षकों का केजरीवाल स्टाइल धरना, चमका देकर गायब हुए कुलपति
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपित दफ्तर में केजरीवाल स्टाइल का धरना चल रहा है। विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद के तीन सदस्यों सहित चार लोग एक नाटकीय घटनाक्रम में शुक्रवार की दोपहर से कुलपति दफ्तर में धरने पर बैठे हैं, लेकिन कुलपति प्रोफेसर योगेश त्यागी ने उनसे बातचीत करने से इंकार कर दिया है। ये चारों लोग जब रात में कुलपति दफ्तर से नहीं हटे तो कुलपति त्यागी चुपचाप दूसरे दरवाजे से बिना बताए बाहर निकल गए।
सोमवार तक जारी रहेगा धरना
कार्यकारिणी परिषद के सदस्य राजेश झा ने बताया कि हम लोग शुक्रवार दोपहर 12 बजे से रातभर कुलपति दफ्तर में धरने पर बैठे हुए हैं और हमारा धरना जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि अगर त्यागी हम लोगों को आज या कल मिलने का समय नहीं देते हैं तो हम सोमवार तक यह धरना जारी रखेंगे। झा के साथ कार्यकारिणी सदस्य ए के भागी, राजेश गोगना तथा वित्त समिति के सदस्य राजपाल सिंह पवार इस धरने में शामिल हैं।
कुलपति दफ्तर पर 10 लोगों का धरना
इस बीच कल देर रात विश्वविद्यालय के अकादमी परिषद के छह सदस्य भी त्यागी से मिलने के लिए कुलपति दफ्तर गए लेकिन उन्हें दफ्तर में नहीं जाने दिया गया जिसके कारण यह छह सदस्य भी रात 10 बजे तक कुलपति दफ्तर के सामने धरने पर बैठे रहे। गौरतलब है कि आज ईद और कल रविवार होने के कारण विश्वविद्यालय बंद है। ऐसे में श्री त्यागी के दफ्तर आने की उम्मीद कम है।
कार्यकारिणी परिषद की क्या है मांग
राजेश झा ने बताया कि हमारी पहली मांग है कि कॉलेजों के खुलने पर आरक्षित पद पर काम कर रहे सभी शिक्षकों को बहाल किया जाए। दूसरी मांग- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा पांच मार्च को जारी किए गए अधिसूचना को रद्द किया जाए। इस अधिसूचना के अनुसार रोस्टर प्रणाली में बदलाव करने से आरक्षित शिक्षकों के पदों में भारी कमी आएगी और हजारों शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे। तीसरी मांग- शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति के समय उनके एढाक शिक्षक के अनुभव को भी शामिल किया जाए।
Published on:
16 Jun 2018 01:41 pm
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