24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कोरोना संक्रमण से एक महीने में दिल्ली विश्वविद्यालय के 35 से अधिक शिक्षकों की मौत

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) के अनुसार, विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक कॉलेज में शिक्षकों और छात्रों के बीच कम से कम तीन मौतें हुई हैं।

2 min read
Google source verification
delhi_university.jpg

DUTA said Delhi University lost over 35 teachers to COVID-19

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने देश की चिंताएं बढ़ा दी है। इस महामारी के प्रकोप से अब तक पूरी दुनिया में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि भारत में 2 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है।

इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। दिल्ली विश्वविद्यालय के 35 से अधिक शिक्षकों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हुई है। दिल्ली विश्वविद्याल ने पिछले महीने अपने 35 से अधिक शिक्षकों को कोरोना की वजह से खो दिया। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) के अनुसार, विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक कॉलेज में शिक्षकों और छात्रों के बीच कम से कम तीन मौतें हुई हैं।

यह भी पढ़ें :- कोरोना से राहत की उम्मीद: हारमोन नियंत्रित करने वाली दवा वायरस को शरीर में बढऩे से रोकने में होगी मददगार

DUTA के उपाध्यक्ष डॉ आलोक रंजन पांडे ने जानकारी देते हुए बताया है कि विशेष रूप से तदर्थ आधार पर नियोजित शिक्षकों के लिए स्थिति बदतर है। उन्होंने इन सभी शिक्षकों की चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने की मांग की। पांडे ने कहा, "एक महीने में कम से कम 35 शिक्षकों ने Covid-19 के कारण दम तोड़ दिया है। यहां कई कॉलेज हैं जहां औसतन तीन शिक्षकों की मौत हो गई है। हम सभी कॉलेजों में तदर्थ शिक्षकों की स्थिति को देखते हुए उनके लिए चिकित्सा सुविधाओं की मांग करते हैं।"

DUTA ने शिक्षा मंत्रालय से की ये मांग

उन्होंने कहा, "हम वास्तव में तदर्थ शिक्षकों की मौत के बारे में चिंतित हैं।" राष्ट्रीय राजधानी में अस्पताल के बिस्तरों की कमी ने स्थिति को और बढ़ा दिया है, कई शिक्षकों को बिस्तर के लिए लुधियाना और झज्जर तक जाना पड़ा है। इसके बावजूद कई नहीं बच पाए।

यह भी पढ़ें :- Lockdown Extended in Delhi : राजधानी दिल्ली में एक सप्ताह के लिए बढ़ा लॉकडाउन, 24 मई तक जारी रहेगी सख्ती

पांडे ने कहा, "टीकाकरण केंद्रों की तरह, अगर विश्वविद्यालय के भीतर COVID-19 सुविधाओं वाला एक अस्पताल बनाया जा सकता है, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।" DUTA ने शिक्षा मंत्रालय और कुलपति को पत्र लिखकर प्रति मृतक परिवार में कम से कम एक व्यक्ति को नौकरी और तदर्थ शिक्षकों के लिए चिकित्सा सुविधा की मांग की है। विश्वविद्यालय में 12 हजार शिक्षकों में से करीब छह हजार को तदर्थ आधार पर नियुक्त किया गया है।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग